सनातन धर्म में वैसे तो कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है। लेकिन हर माह पड़ने वाले प्रदोष व्रत को बेहद ही खास माना जाता है। जो कि शिव शंकर की आराधना व पूजा को समर्पित होता है।
अभी वैशाख का महीना चल रहा है और इस महीने पड़ने वाला प्रदोष व्रत बेहद ही खास है जो कि कल यानी 3 मई दिन बुधवार को रखा जाएगा।
प्रदोष व्रत बुधवार के दिन पड़ने के कारण इसे बुध प्रदोष व्रत के नाम से जाना जा रहा है। प्रदोष व्रत को शिव पूजा के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा और उपासना करने से साधक के सभी दुखों का नाश हो जाता है साथ ही साथ जीवन में सुख शांति बनी रहती है। इसके अलावा अगर प्रदोष व्रत के दिन शिव के चमत्कारी मंत्रों का जाप किया जाए तो जीवन के दुखों का अंत हो जाता हैं तो आज हम आपको शिव के शक्तिशाली मंत्रों के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते है।
शिव के चमत्कारी मंत्र-
प्रदोष व्रत का दिन शिव पूजा के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। ऐसे में इस दिन पूजा पाठ के साथ साथ शिव के ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप कम से कम 108 बार करें। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक का मन और मस्तिष्क हमेशा ही शांत रहता है और शिव कृपा भक्तों पर बनी रहती है साथ ही जातक को धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की भी प्राप्ति होती है।
वही इसके साथ प्रदोष काल में शिव का अभिषेक करते वक्त महामृत्युंजय मंत्र ‘ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।’ का निरंतर जाप करने से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है और लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।