हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार मनाए जाते हैं लेकिन एकादशी का व्रत इन सभी में विशेष माना गया हैं जो कि भगवान विष्णु की पूजा आराधना को समर्पित होता हैं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी की तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु की प्रिय तिथियों में से एक हैं जो कि हर माह के दोनों पक्षों में आती हैं ऐसे में साल में कुल 24 एकादशी का व्रत पूजन किया जाता हैं।
इस दिन लोग उपवास आदि रख कर विष्णु साधना करते हैं। अभी सावन का महीना चल रहा हैं और इस माह पड़ने वाली एकादशी को सावन पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जा रहा हैं जो कि इस बार 27 अगस्त दिन रविवार को मनाई जाएगी। इस दिन व्रत पूजन करने से संतान सुख की प्राप्ति होती हैं और जीवन में खुशहाली आती हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा सावन पुत्रदा एकादशी पर विष्णु पूजा की विधि बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
पुत्रदा एकादशी पर विष्णु पूजा की विधि-
आपको बता दें कि सावन पुत्रदा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद व्रत का संकल्प कर करें अब पूजन स्थल की अच्छी तरह से साफ सफाई करें और धूप दीपक, नैवेद्य आदि सोलह सामग्री से भगवान विष्णु का पूजन करें प्रभु को तुलसी युक्त भोग लगाए इसके बाद भगवान विष्णु की विधि विधान से आरती करें और पूजा में होने वाली भूल चूक के लिए क्षमा मांगे।
अंत में अपनी प्रार्थना करें फिर रात को दीपदान करें। एकादशी की व्रत कथा सुने और सारी रात विष्णु जी का भजन कीर्तन कर अगली सुबह स्नान के बाद फिर से विष्णु जी की पूजा करें और गरीबों को दान देकर अपने व्रत का पारण करें।