प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कानून को आसान भाषा में लिखा जाना चाहिए, ताकि आम लोगों की समझ में आ सके। उन्होंने कहा, न्याय वितरण प्रणाली को गति देने में प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल अहम है।
प्रौद्योगिकी पूर्वोत्तर जैसे दूरदराज के क्षेत्रों में न्याय देने में मदद कर सकती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग ‘न्याय में आसानी’ लाने के लिए किया जा सकता है।
पीएम ने यह भी कहा कि वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली न्यायिक वितरण का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। गौहाटी हाईकोर्ट के प्लेटिनम जुबली समारोह के समापन कार्यक्रम में मोदी ने कहा, संपत्ति के स्वामित्व में स्पष्टता की कमी न्यायपालिका पर एक बोझ साबित हुई है।
बाबासाहेब आंबेडकर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मोदी ने कहा, यह एक सुखद संयोग है कि आज बाबासाहेब आंबेडकर की जयंती है। उन्होंने हमारे संविधान को तैयार करने में मुख्य भूमिका निभाई थी। ‘जीवन की सुगमता’ सुनिश्चित करने में सरकार, न्यायपालिका की अपनी भूमिकाएं हैं। प्रौद्योगिकी इसके लिए एक शक्तिशाली उपकरण है।
गौहाटी हाईकोर्ट के पास देश का सबसे बड़ा अधिकार क्षेत्र
मोदी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में न्यायवितरण के लिए गौहाटी हाईकोर्ट की भूमिका को भी सराहा। उन्होंने कहा, देश का सबसे बड़ा अधिकार क्षेत्र गौहाटी हाईकोर्ट के पास है। वर्तमान में असम समेत चार राज्य उसके दायरे में आते हैं, जबकि 2013 तक सात राज्य उसके अधिकार क्षेत्र में थे।
सरकार ने अप्रासंगिक हो चुके 2000 कानूनों को समाप्त किया
पीएम मोदी ने कहा, हमारे यहां कई कानूनी प्रावधान ब्रिटिश काल से चले आ रहे हैं। कई ऐसे कानून है, जो अप्रासंगिक हो गए हैं। सरकार के स्तर पर हम इनकी निरंतर समीक्षा कर रहे हैं। हमने ऐसे दो हजार केंद्रीय कानूनों की पहचान कर उनको खत्म कर दिया है। ऐसे 40 हजार से ज्यादा कंप्लांसिस को भी समाप्त कर दिया है। व्यापार के दौरान आने वाली दिक्कतों को भी दूर किया।