लोकसभा चुनावों के बीच अरविंदर सिंह लवली ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के महज 5 दिन वह बीजेपी में शामिल हो गए हैं। उनके साथ-साथ दिल्ली के 4 अन्य नेताओं ने भी कमल का दामन थाम लिया है।इन चार नेताओं में राजकुमार चौहान, अमित मलिक, नसीब सिंह और नीरद बसोया शामिल हैं। अरविंदर सिंह लवली केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े की मौजूदी में बीजेपी में शामिल हुए। लवली को पिछले साल अगस्त में दिल्ली कांग्रेस का प्रमुख नियुक्त किया गया था। हालांकि वह इस पद पर केवल 8 महीने ही रह पाए, इसके बाद उन्होंने 28 अप्रैल को पद से इस्तीफा दे दिया।उन्होंने इस्तीफे के पीछे आम आदमी पार्टी से गठबंधन और बाहरियों को टिकट दिया जाना वजह बताया था। इसके साथ यह भी आऱोप लगाए थे कि दीपक बाबरिया के चलते वह काम नहीं कर पा रहे है। उनके इस्तीफा देने के महज 2 घंटे बाद ही उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया था।
7 साल में तीन बार बदली पार्टी
अरविंदर सिंह लवली वैसे तो पिछले 30 सालों से कांग्रेस से जुड़े हुए थे लेकिन पिछले सात सालों में वह तीन बार पाला बदल चुके हैं। साल 2017 में वह कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हो गए थे। हालांकि कुछ महीनों बाद ही उन्होंने फिर घर वापसी कर ली।
लंबे समय तक रहे दिल्ली के शिक्षा मंत्री
इसके बाद से अब तक वह कांग्रेस से जुड़े हुए थे। लेकिन अब एक बार फिर वह बीजेपी में शामिल हो गए हैं। लवली 1998 में गांधी नगर से विधायक के रूप में निर्वाचित हुए थे। वह दिल्ली में कांग्रेस सरकार में परिवहन, शिक्षा, शहरी विकास और राजस्व मंत्री भी रहे। वह सबसे ज्यादा लंबे समय दिल्ली के शिक्षा मंत्री रहने वाले नेता हैं।
: लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को बड़ा झटका, अरविंदर सिंह लवली समेत कई नेता BJP में शामिल
कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्वी दिल्ली सीट से भाजपा के गौतम गंभीर और ‘आप’ की आतिशी के खिलाफ लवली को उम्मीदवार बनाया था। हालांकि वह गौतम गंभीर से 3,92,000 वोटों से हार गए थे। साल 2017 में वह जब कांग्रेस से बीजेपी में हुए तो कुछ महीनों बाद ही उन्होंने फिर कांग्रेस में वापसी कर ली थी। इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा था कि बीजेपी में वैचारिक रूप से फिट नहीं होते।
अरविंदर सिंह लवली का जन्म दिल्ली में ही हुआ है। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पोलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन की। इस दौरान वह छात्र राजनीति में भी काफी सक्रिय रहे। साल 1990 में वह दिल्ली युवा कांग्रेस के महासचिव चुने गए। साल 1992 से 1996 तक उन्होंने एनएसयूआई के महासचिव के तौर पर भी काम किया।