नोएडा. अस्पताल हो या श्मशान घाट भीड़ दोनों ही जगह है. अपनी बारी के लिए अस्पताल में भी इंतजार करना पड़ रहा है तो श्मशान घाट पर भी. कोरोना (Corona) के चलते श्मशान घाट पर आम दिनों के मुकाबले चार से पांच गुना तक शव (Dead Body) आ रहे हैं. इतने सारे शवों का अंतिम संस्कार कराना तो एक चुनौती है ही, लेकिन उससे भी बड़ी चुनौती है अस्थियों की. ज्यादातर श्मशान घाट पर अस्थियों का ढेर लग गया है.
गौरतलब रहे लोग कोरोना के डर से परिजनों की अस्थियां लेने के लिए दूसरे दिन श्मशान घाट भी नहीं आ रहे हैं. जहां अब बिल्कुल भी जगह नहीं बची है वहां धार्मिक परंपरा तोड़ते हुए कुछ लोग उसी दिन अस्थियां ले जाने को मजबूर हैं. कुछ ऐसा ही हाल नोएडा के सेक्टर-94 में स्थित श्मशान घाट का भी है.
हर रोज हो रहे है करीब 80 से 90 अंतिम संस्कारनोएडा के सेक्टर-94 में अंतिम निवास बना हुआ है. कोरोना के चलते बीते 10 दिन में यहां 800 से 900 शवों को अंतिम संसकार हो चुका है. अंतिम निवास में अब सिर्फ वो शव आ रहे हैं जिनकी मौत कोरोना से हुई है. जैसे तैसे यहां शवों को अंतिम संस्कार कराया जा रहा है. सीएनजी से चलने वाली दो भट्टी भी हैं. लेकिन उनकी अपनी क्षमता है. हाल ही में अंतिम निवास का संचालन करने वाली एनजीओ नोएडा लोकमंच ने एक अपील भी जारी कर कहा है कि यहां सिर्फ वो ही शव लाए जाएं जिनकी मौत कोरोना से हुई है.