कोरोना की दूसरी लहर के बीच देश के पांच राज्यों में हो रहे चुनाव के बीच चुनाव आयोग ने कहा कि दो मई को होने वाली मतगणना के दिन काउटिंग सेंटर पर प्रत्याशियों और एजेंटों को बिना आरटी-पीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट दिखाये प्रवेश नहीं मिलेगा। यह रिपोर्ट 48 घंटे से ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए। हालांकि, कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने वालों को रिपोर्ट दिखाने की जरूरत नहीं होगी। इससे पहले चुनाव आयोग ने एक दिन पहले ही विजय जुलूस पर रोक लगायी थी।
आयोग ने कहा है कि मतगणना की प्रक्रिया के दौरान सोशल डिस्टेन्सिंग बनाये रखने के लिए मतगणना हॉल पर्याप्त रूप से बड़ा होना चाहिए। इसमें उचित वेंटिलेशन, खिड़कियां, निकास और पंखा होना चाहिए। मतगणना के पहले और बाद में सेनीटाइज किया जायेगा। ईवीएम और वीवीपीएटी की मुहरबंद बक्से को भी सेनीटाइज किया जायेगा। कोविड-19 के निर्धारित सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए मतगणना हॉल के आकार के मुताबिक काउंटिंग टेबल की संख्या रखी जाये. एक निर्वाचन क्षेत्र के वोटों की गिनती 3-4 स्थानों पर हो सकती हैं।
आयोग ने कहा है कि मतगणना केंद्रों पर प्रवेश से पहले सभी लोगों की थर्मल स्कैनिंग की जायेगी। सैनिटाइजर, साबुन और पानी उपलब्ध कराया जायेगा।बुखार, जुकाम जैसे कोरोना के कोई भी लक्षण होने पर काउंटिंग हॉल में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी और दो काउंटिंग एजेंटों के बीच एक एजेंट पीपीई में होगा।
बता दें कि मद्रास हाइकोर्ट ने सोमवार को कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी के लिए आयोग को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था कि इसके लिए अधिकारियों पर हत्या का केस दर्ज किया जाना चाहिए। दो मई को पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में मतगणना होनी है।