महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के बागी गुट की सरकार बनने के बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीसके सामने स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी रिजर्वेशन एक बड़ी चुनौती है। शहर के ओबीसी नेताओं ने फडणवीस को वह चुनौती याद दिला दी है जो कि उन्होंने पिछले साल 26 जून को उद्धव ठाकरे को दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर वह भाजपा को सत्ता दे दें तो चार महीने के अंदर निकाय चुनाव में 27 फीसदी ओबीसी रिजर्वेशन लागू कराकर दिखा देंगे।
वराइटी स्क्वायर में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान विपक्ष के पूर्व नेता और मौजूदा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यहां तक कह दिया था कि अगर वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोके गए ओबीसी रिजर्वेशन को वापस न ले आए तो राजनीति से संन्यास ले लेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई से इस केस को सुनने का फैसला किया है। इस लिहाज से अब उनके पास 10 दिन और बचे हैं।
शुक्रवार को फडणवीस ने एक मीटिंग बुलाई जिसमें पूर्व चीफ सेक्रटरी जयंत बांठिया की अगुआई वाली ओबीसी कमिशन की रिपोर्ट की प्रोग्रेस पर चर्चा की गई और अधिकारियों के से कहा गया कि जहां भी कोई कमी है उसे पूरा किया जाए। यह रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश की जानी है। इस बैठक में भाजपा नेता प्रवीण डारेकर और संजय कुटे के साथ चीफ सेक्रटरी मनु कुमार श्रीवास्तव भी मौजूद थे।