अगरतला। त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 51 सदस्यीय अगरतला नगर निगम (एएमसी) की सभी सीटें जीतकर और कई अन्य शहरी नगर निकायों पर कब्जा करके नगर निकाय चुनावों में शानदार प्रदर्शन किया। विपक्षी तृणमूल कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) एएमसी में खाता भी नहीं खोल पाईं। राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि भगवा दल ने 15 सदस्यीय खोवाई नगर परिषद, 17 सदस्यीय बेलोनिया नगर परिषद, 15 सदस्यीय कुमारघाट नगर परिषद और नौ सदस्यीय सबरूम नगर पंचायत के सभी वार्ड में जीत हासिल की। उन्होंने बताया कि पार्टी ने 25 वार्ड वाले धर्मनगर नगर परिषद, 15 सदस्यीय तेलियामुरा नगर परिषद और 13 सदस्यीय अमरपुर नगर पंचायत में विपक्षी दलों का सूपड़ा साफ कर दिया। भाजपा ने सोनामूरा नगर पंचायत और मेलाघर नगर पंचायत की सभी 13-13 सीटों पर जीत हासिल कर ली। उसने 11 सदस्यीय जिरानिया नगर पंचायत में भी विजय प्राप्त की। पार्टी ने अंबासा नगर परिषद की 12 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि तृणमूल और माकपा ने एक-एक सीट जीती और एक अन्य सीट निर्दलीय उम्मीदवार के पास गई।भाजपा ने कैलाशहर नगर परिषद की 16 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि माकपा को एक सीट मिली। पानीसागर नगर पंचायत में भाजपा 12 सीटों पर विजयी हुई, जबकि माकपा ने एक सीट पर जीत दर्ज की। राज्य में एएमसी, 13 नगर परिषदों और छह नगर पंचायतों की सभी 334 सीटों पर भाजपा ने उम्मीदवार उतारे थे और उनमें से 112 पर निर्विरोध जीत हासिल की थी। बाकी 222 सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान हुआ था। चुनावी लड़ाई में सत्तारूढ़ भाजपा, तृणमूल कांग्रेस और माकपा आमने-सामने थीं। तृणमूल कांग्रेस स्वयं को एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में स्थापित करने के लिए पूर्वोत्तर और अन्य स्थानों पर अपनी पैठ जमाना चाहती है, जबकि माकपा को कुछ वर्ष पहले भाजपा ने राज्य में सत्ता से हटाया था। मतदान में धांधली और डराने-धमकाने का आरोप लगाने वाली तृणमूल ने पूरे चुनाव को रद्द करने की मांग की थी, जबकि माकपा ने एएमसी सहित पांच नगर निकायों में नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की थी। दोनों दलों ने दावा किया था कि भाजपा समर्थकों ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर हमला किया और चुनाव में धांधली की, लेकिन सरकार मूकदर्शक बनी रही।हालांकि, भाजपा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। चुनाव में भाजपा के शानदार प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए पार्टी उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि त्रिपुरा नगर निकाय चुनाव के परिणामों ने पूर्वोत्तर राज्य में पैठ जमाने के तृणमूल कांग्रेस के दावों के ‘‘खोखलेपन’’ को उजागर कर दिया है और राज्य के लोगों को भाजपा पर भरोसा है। घोष ने यहां संवाददाताओं से बातचीत के दौरान त्रिपुरा में चुनाव प्रचार करने वाले तृणमूल कार्यकर्ताओं को ‘‘भाड़े के लोग’’ बताया और कहा कि भाजपा तथा राज्य के लोगों के बीच ‘‘मजबूत संबंध’’ हैं। उन्होंने कहा कि तृणमूल त्रिपुरा में अपना खाता तब तक नहीं खोल सकती, जब तक ‘‘भाजपा किसी सीट से उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला करे।’’ घोष ने कहा, ‘‘नगर निकाय चुनाव के परिणाम उम्मीद के अनुसार आए हैं। तृणमूल के त्रिपुरा में खाता खुलने के कोई आसार नहीं हैं। उन्होंने केवल शोर मचाया। यह जनादेश दर्शाता है कि पश्चिम बंगाल से आए भाड़े के लोग ऐसे राज्य में किसी पार्टी को अपना आधार बनाने में मदद नहीं कर सकते, जिसका भाजपा पर भरोसा है