भारत और चीन के बीच सीमा पर विवाद गहरा गया है. इस बीच चीन ने भारत संग रिश्तों को बेहतर करने के लिए एक जबरदस्त चाल चली है. दरअसल, China ने ऐलान किया है कि वह भारत में महान भारतीय डॉक्टर डॉ द्वारकानाथ शांताराम कोटनिस की याद में एक स्कूल बनाएगा.
चीन के महावाणिज्यदूत ने हाल ही में ऐलान किया कि डॉ द्वारकानाथ शांताराम कोटनिस की याद में एक स्कूल स्थापित किया जाएगा. इस स्कूल को डॉ कोटनिस के गृह जिले सोलापुर में खोला जाएगा.
डॉ कोटनिस ने 1938 में चीन की यात्रा की और दूसरे चीन-जापान युद्ध के दौरान युद्ध क्षेत्र में घायल सैनिकों की मदद की थी. स्कूल बनाने का ये ऐलान मुंबई में चीनी महावाणिज्यदूत कोंग शियानहुआ ने किया. कोंग ने यह भी कहा कि नई दिल्ली और बीजिंग के बीच अच्छे संबंधों को लोगों द्वारा बढ़ावा दिया जाता है. सोलापुर मुंबई से लगभग 400 किमी दूर स्थित है.
अच्छे हों भारत-चीन रिश्ते: चीनी दूत
चीनी दूत कोंग ने डॉ कोटनिस की 80वीं पुण्यतिथि मनाने के लिए दिए गए अपने मुख्य भाषण में कहा, ‘हम डॉ कोटनिस फ्रेंडशिप स्कूल की स्थापना के लिए सोलापुर नगर निगम के साथ काम करेंगे. नौ चीनी कंपनियों ने प्रोजेक्ट को समर्थन करने का इरादा व्यक्त किया है.’ उन्होंने कहा, ‘डॉ कोटनिस का व्यवहार हमें इस बात से अवगत कराता है कि चीन-भारत के अच्छे संबंध को लोगों द्वारा बढ़ावा दिया जाता है और अंत में लोगों को इसका लाभ मिलना चाहिए.’
कौन थे डॉ कोटनिस?
1938 में दूसरे चीन-जापान युद्ध के दौरान मेडिकल सहायता प्रदान करने के लिए भारतीय डॉक्टरों की पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया. इस टीम में डॉ कोटनिस भी शामिल थे. इन डॉक्टरों ने सीमा पर काम किया और लगभग 800 घायल सैनिकों का इलाज किया. भारतीय डॉक्टरों की वजह से ये 800 सैनिक बच पाए थे. डॉ कोटनिस ने युद्ध के बाद एक चीनी नर्स से शादी कर ली. 1942 में दोनों का एक बेटा भी हुआ. हालांकि, डॉ कोटनिस पर चीन के मौसम का खराब असर हुआ और 1942 में महज 32 साल की उम्र में उनकी मौत हो गई.
कम्युनिस्ट नेता माओत्से तुंग ने चीनी लोगों को की गई मदद के लिए भारतीय डॉक्टर कोटनिस की याद में कई दशक पहले एक प्रशंसा भाषण लिखा था. इस प्रशंसा भाषण को 30 अगस्त को एक पट्टिका के रूप में महाराष्ट्र के सोलापुर में ही स्थित डॉ कोटनिस मेमोरियल हॉल में स्थापित किया गया. डॉ कोटनिस के जीवन को भारत चीन दोस्ती की एक मिसाल के तौर पर जाना जाता है. उनकी जिंदगी पर ‘डॉक्टर कोटनिस की अमर कहानी’ नाम से एक फिल्म भी बनाई गई.