नई दिल्ली,: भारतीय मौसम विभाग ने सोमवार को बताया कि अधिकतम तापमान के मासिक औसत के मामले में पिछले 121 वर्षों में इस साल का मार्च तीसरा सबसे गर्म मार्च रहा। मौसम विभाग ने महीने की अपनी समीक्षा में कहा कि इस साल देश में मार्च के अधिकतम, न्यूनतम और औसत तापमान के मासिक औसत क्रमश: 32.65 डिग्री, 19.95 डिग्री और 26.30 डिग्री सेल्सियस हैं, जबकि 1981-2010 की जलवायु अवधि के आधार पर सामान्य मासिक औसत क्रमश: 31.24 डिग्री, 18.87 डिग्री और 25.06 डिग्री सेल्सियस हैं।
121 साल में तीसरा सबसे गर्म रहा मार्च
मौसम विभाग ने कहा, ‘मार्च, 2021 के दौरान अधिकतम तापमान का अखिल भारतीय मासिक औसत 32.65 डिग्री सेल्सियस पिछले 11 साल में सबसे गर्म है और 121 साल में तीसरा सबसे गर्म है। 2010 और 2004 में यह क्रमश: 33.09 डिग्री और 32.82 डिग्री सेल्सियस था।’ याद दिला दें कि मार्च में देश के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रिकार्ड किया गया था।
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
विभाग ने साथ ही कहा कि पांच से नौ अप्रैल तक उत्तर भारत के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में अच्छी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने बताया कि अगले 24 घंटों के दौरान दक्षिण-पश्चिम राजस्थान, अगले दो दिनों के दौरान पूर्वी राजस्थान, अगले तीन दिनों के दौरान महाराष्ट्र के विदर्भ और सात से नौ अप्रैल के दौरान मध्य प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में लू चलने की संभावना है।
पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी में होगी बारिश
नए बने पश्चिमी विक्षोभ से छह अप्रैल से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र के प्रभावित होने की संभावना है। इसके प्रभाव से जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगिट, बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में पांच से सात अप्रैल और उत्तराखंड में छह से नौ अप्रैल के दौरान छिटपुट से अच्छी बारिश या बर्फबारी होने की संभावना है।
चलेंगी धूल भरी हवाएं
पांच से सात अप्रैल के दौरान पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और छह से सात अप्रैल के दौरान उससे लगते मैदानी इलाकों में गरज-चमक के साथ धूल भरी हवाएं चलने और बारिश होने की संभावना है। पांच से सात अप्रैल के दौरान पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ इलाकों में बारिश हो सकती है।
ओलावृष्टि की आशंका
जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगिट, बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में छह अप्रैल, हिमाचल प्रदेश में पांच व छह अप्रैल और उत्तराखंड में छह व सात अप्रैल को ओलावृष्टि होने की भी आशंका है। विभाग का यह भी कहना है कि पांच से सात अप्रैल के दौरान पश्चिमी राजस्थान के कुछ इलाकों में धूल भरी आंधी चलने या गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना है।