ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर सर्वेक्षण करने वाले पैनल में से हटाए गए कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा ने कहा कि वह स्थानीय अदालत के आदेश का सम्मान करते हैं। हालांकि मिश्रा ने आरोप लगाया कि विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह के कहने पर उन्हें पैनल से हटाया गया। उन्होंने कहा, ‘मैंने ऐसा कुछ नहीं किया है जिससे मामले की गोपनीयता भंग हो। एडवोकेट विशाल सिंह के आरोपों के कारण मुझे हटाया गया। जो कुछ भी हुआ है वह केवल (उनकी) वजह से हुआ है।’
कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह द्वारा दायर एक आवेदन पर सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर द्वारा अदालत का आदेश पारित किया गया था। विशेष अधिवक्ता आयुक्त ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि अजय मिश्रा अदालत द्वारा नियुक्त आयोग की कार्यवाही में पूरा सहयोग नहीं कर रहे हैं और इसमें रुचि भी नहीं ले रहे हैं।इसके बाद अदालत ने अजय मिश्रा को सर्वे करने वाले पैनल से हटा दिया, क्योंकि उनके साथ आए एक कैमरामैन ने मीडिया में सर्वेक्षण की कार्यवाही को कथित तौर पर लीक कर दिया था। 19 मई को रिपोर्ट सौंपने के दौरान अब विशाल सिंह के साथ सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह रहेंगे।इससे पहले दिन में आयोग ने सोमवार को वाराणसी में मस्जिद के अपने तीन दिवसीय सर्वेक्षण का समापन किया। सर्वे टीम ने स्थानीय अदालत से अतिरिक्त समय मांगा क्योंकि अंतिम रिपोर्ट संकलित की जानी बाकी है। पैनल को मंगलवार तक रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।