अयोध्या: आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने ट्विटर पर ट्वीट करके बताया कि, भाजपा के चंदा चोरों की वजह से राम मंदिर का निर्माण कार्य रुक गया है. साथ ही चंदा चोरों के ऊपर एफआईआर करके उनको जेल भेजना चाहिए. वहीं, अयोध्या के संतों ने कहा है कि, सत्ता की लालच में इस तरह के वो बयान दे रहे हैं और राम मंदिर का निर्माण कोविड काल में बंद नहीं हुआ. कोविड-19 गाइडलाइन को देखते हुए राम मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा था तो अब राम मंदिर का निर्माण कार्य अभी भी चल रहा है, व तेज गति के साथ चल रहा है. सत्ता के लालच में संजय सिंह इस तरह के बयान दे रहे हैं. वहीं, अब अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई जमीन के विवाद ने साधु संतों को भी दो गुटों में बांट दिया है. संतों का एक गुट श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पक्ष में खड़ा है तो दूसरा गुट जमीन खरीद -फरोख्त में धांधली और भ्र्ष्टाचार का आरोप लगाकर उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहा है. वहीं, कुछ साधु संत ऐसे भी हैं जो किसी गुट के साथ न होकर तटस्थ की भूमिका में है.
हनुमान जी को सौंपा ज्ञापन
अयोध्या में मंगलवार को महंत धर्मदास समेत कई बड़े संतों ने राम मंदिर के लिए खरीदी जा रही जमीन में भ्र्ष्टाचार का आरोप लगाते हुए सरयू तट पर हनुमान चालीसा का पाठ किया. इसके बाद अयोध्या के रक्षक कहे जाने वाले हनुमान जी को एक ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन में राम मंदिर को लेकर आ रही विघ्न -बाधाओं को दूर करने और ट्रस्ट पर लग रहे आरोपो की किसी शीर्ष एजेंसी से जांच कराने की प्रार्थना की गई है. जाहिर है अब अयोध्या में ऐसे साधु संतों की संख्या बढ़ती जा रही है जो ट्रस्ट पर लग रहे आरोपो की जांच चाहते हैं.
निर्वाणी अखाड़ा के महंत धर्मदास कहते हैं कि, लोगों ने जो राम मंदिर निर्माण के लिए पैसे दिए हैं और देश में जो अराजक व्यवस्था फैली हुई है. लुटेरों का विंग बन गया है, चम्पत राय अनिल मिश्र कितने लोग हैं, जो इस तरह से जमीन में घोटाला हो रहा है. राम जी की संपत्ति का बंदरबांट कर रहे हैं. इस पर हमलोग केंद्र सरकार से जांच करने की मांग कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट को इस पर संज्ञान लेकर जांच करानी चाहिए.