नई दिल्ली. पूर्व पीएम राजीव गांधी और सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के बीच की दोस्ती किसी से छिपी नहीं है. लेकिन वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व सांसद संतोष भारतीय की नयी किताब ‘वी पी सिंह, चंद्रशेखर, सोनिया गांधी और मैं’ में दावा किया गया है कि एकबार पूर्व पीएम राजीव अमिताभ से इतने नाराज हो गए थे कि उन्हें ‘सांप’ कह दिया था.
किताब के मुताबिक दोनों के रिश्तों में दरार आनी तब शुरू हुई, जब विश्वनाथ प्रताप सिंह प्रधानमंत्री बने. एक घटना का उल्लेख करते हुए पुस्तक में दावा किया गया है कि यह तल्खी इतनी बढ़ गई कि एक बार तो राजीव गांधी ने उन्हें ‘सांप’ तक कह दिया था. भारतीय के शब्दों में ‘राजीव तब विपक्ष के नेता थे और अमिताभ उनसे मिलने आए थे. जब अमिताभ चले गए तो राजीव ने कहा ‘ही इज अ स्नेक’ , मतलब ‘वह सांप है’.
पुस्तक में दावा किया गया है कि इस घटना के वक्त तब एक पत्रकार के रूप में वहां कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला भी मौजूद थे. पुस्तक में 1987 के उस महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम का भी उल्लेख है, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने विश्वनाथ प्रताप सिंह को वित्त मंत्री के पद से हटा दिया था और रक्षा मंत्रालय का जिम्मा सौंपा था. लेखक ने दावा किया कि इस फैसले के पीछे अमिताभ बच्चन थे जबकि राजीव गांधी ने इसके लिए पाकिस्तान से जंग का बहाना बनाया था. उनके मुताबिक उस समय जंग के हालात भी नहीं थे.
पुस्तक के मुताबिक इसकी पृष्ठभूमि अंडमान में तैयार की गई थी जब राजीव गांधी वहां छुट्टियां मनाने गए थे और उसी दौरान अमिताभ भी बर्मा (वर्तमान म्यांमार) से वहां पहुंचे थे. भारतीय के अनुसार , ‘शायद राजीव गांधी समझ नहीं पा रहे थे कि कैसे वीपी सिंह की शैली को बदलें क्योंकि उन्होंने ही वीपी सिंह को बेखौफ आगे बढ़ने का निर्देश दिया था. अधिकांश उद्योगपति राजीव गांधी के पास वी पी सिंह से वित्त मंत्रालय वापस लेने का निवेदन भेजने लगे. अरुण नेहरू भी राजीव गांधी को यही सलाह बार-बार दे रहे थे। सरकार के फैसलों में अरुण नेहरू का दिमाग झलकता था.’
यह दावा भी किया गया कि चूंकि अमिताभ बच्चन, राजीव गांधी के दोस्त थे इसलिए जो उद्योगपति प्रधानमंत्री से संपर्क नहीं कर पा रहे थे, उन्होंने अमिताभ बच्चन से संपर्क बना लिया. पुस्तक में दावा है, ‘लेकिन राजीव गांधी ने कभी वी पी सिंह से किसी उद्योगपति की सिफारिश नहीं की.’