चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ हो रहा है। चैत्र माह के पहले दिन से ही चैत्र नवरात्रि प्रारंभ होती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार नववर्ष का प्रारंभ 22 मार्च बुधवार 2023 को हो रहा है जो 31 मार्च तक चलेगी।
इस बार यह पर्व 3 शुभ योग में मनाया जाएगा और जानिए कि किस पर सवार होकर आ रही है माता रानी।
3 शुभ संयोग : इस बार नवरात्रि की शुरुआत शुक्ल योग में हो रही है। इसके बाद ब्रह्म योग शुरू हो जाएगा। ब्रह्म योग के बाद इंद्र योग भी लगेगा। इन योगों में देवी की पूजा अर्चना करना बेहद शुभकारी मानी जाती है।
शुक्ल योग : प्रात: 9 बजकर 18 मिनट तक।
ब्रह्म योग : 9 बजकर 19 मिनट से अगले दिन सुबह 6 बजे तक रहेगा।
इंद्र योग : ब्रह्म योग के बाद इंद्र योग प्रारंभ होगा।
किस सवारी पर आ रही हैं माता रानी: इस बार चैत्र नवरात्रि 2023 में माता रानी नौका पर सवार होकर आ रही है।
कैसे तय होता कि मां किस पर सवार होकर आएगी :
शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।
गुरौ शुक्रे चदोलायां बुधे नौका प्रकीर्त्तिता ।।-देवी भागवत पुराण
वार के अनुसार होता है तय कि माता कौनसे वाहन पर सवार होकर आएगी। सोमवार को घट स्थापना होगी तो हाथी पर, शनिवार और मंगलवार को घोड़े पर, गुरवार और शुक्रवार को डोली में बैठकर, बुधवार को नौका पर सवार होकर आती है माता रानी। इस बार नवरात्र 22 मार्च से शुरू हो रही है। ऐसे में इस बार देवी मां नाव पर सवार होकर आ रही हैं।
क्या होगा नौका पर सवार होकर आने का शुभ-अशुभ असर :-
गजे च जलदा देवी क्षत्र भंग स्तुरंगमे।
नोकायां सर्वसिद्धि स्या ढोलायां मरणंधुवम्।।-देवी भागवत पुराण
देवी जब हाथी पर सवार होकर आती हैं तो पानी ज्यादा बरसता है। घोड़े पर आती हैं तो युद्ध की संभावना रहती है। नौका पर सवार होकर आती हैं तो सभी की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। डोली में बैठकर पर आती हैं तो महामारी का भय बना रहता हैं।