बीजिंग. अमेरिकी नौसेना (US NAVY) का विमानवाहक पोत ‘जेराल्ड आर फोर्ड’ (Gerald R Ford) परीक्षण में पानी में 20 टन विस्फोटक सामग्री में किए गए धमाकों को झेलने में सफल रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे चीन की ‘किलर मिसाइलों’ से उत्पन्न खतरा काफी हद तक कम हो सकता है.
अमेरिकी नौसेना ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि अमेरिका के सबसे नवीनतम और अत्याधुनिक परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम विमानवाहक पोत का परीक्षण फ्लोरिडा अपतटीय क्षेत्र में रविवार को पूरा हो गया.
पानी में पोत के पास नौसेना ने 40,000 पाउंड विस्फोटक सामग्री में विस्फोट किया
यूएस नेवल इंस्टिट्यूट के समाचार पोर्टल यूएसएनआई न्यूज ने कहा कि परीक्षण के तहत पानी में पोत के पास नौसेना ने 40,000 पाउंड विस्फोटक सामग्री में विस्फोट किया जिसे पोत आसानी से झेल गया. इस दौरान न तो कोई हताहत हुआ, न कोई आग लगी और न ही कोई बाढ़ आई.
चीनी सेना 2015 से डीएफ-21डी और डीएफ-26 मिसाइलों का गुणगान करती रही है
इस परीक्षण पर चीन की निगाह थी क्योंकि चीनी सेना 2015 से डीएफ-21डी और डीएफ-26 मिसाइलों का गुणगान करती रही है जिन्हें ‘किलर मिसाइल’कहा जाता है और कहा जाता है कि ये पांच हजार किलोमीटर की दूरी से किसी भी गतिशील विमानवाहक पोत को निशाना बना सकती हैं.
चीन की ‘किलर मिसाइलों’ से उत्पन्न खतरा काफी हद तक कम हो सकता है
विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका के इस परीक्षण के बाद चीन की ‘किलर मिसाइलों’ से उत्पन्न खतरा काफी हद तक कम हो सकता है. अमेरिका ने अटलांटिक महासागर में फ्लोरिडा समुद्री जल क्षेत्र में 40,000 पाउंड (20 टन) विस्फोटकों में पानी के भीतर विस्फोट किया जो 3.9 तीव्रता के भूकंप के बराबर है. हर बार विस्फोट पोत के और नजदीक किए गए, लेकिन पोत इन्हें झेलने में सफल रहा.