पीर पंजाल रेंज के घने जंगल और ऊंचे इलाके के कारण जम्मू के कालाकोट क्षेत्र में आतंकवादियों के साथ दो दिवसीय मुठभेड़ के दौरान कार्रवाई में दो सेना अधिकारी और तीन जवान मारे गए। ऑपरेशन में दो पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया गया है, जिनमें से एक लश्कर-ए-तैयबा का स्नाइपर और विस्फोटक विशेषज्ञ है।
लश्कर के कमांडर ने अफगानिस्तान में प्रशिक्षण हासिल किया था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। बुधवार को मुठभेड़ में विशेष बल के दो कैप्टन समेत चार सैन्यकर्मियों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। धर्मसाल के बाजीमाल इलाके में हुई इस मुठभेड़ में सुरक्षा बल के दो अन्य जवान घायल हो गए थे।
सेना ने जहां ऑपरेशन चलाया वहां स्थिति बेहद कठिन थी। मुठभेड़ की डिटेल से पता चलता है कि भयावह स्थिति में सेना ने आतंकियों को मार गिराया। सेना ऐसी जगह पर कार्रवाई कर रही थी, जहां दृश्यता कुछ मीटर से अधिक नहीं थी। आतंकवादी ऊंचे स्थान पर थे और चट्टानों के पीछे से गोलीबारी कर रहे थे। एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि आतंकवादी 19 नवंबर से भाग रहे हैं और इलाके में “ढोक” या चरवाहों के आश्रय स्थलों में छिपे हुए थे।
स्थानीय लोगों से शिकायत मिलने के बाद सेना इलाके में गई थी और जियारत, माल, गुलाबगढ़ जंगल और सोलाकी क्षेत्र में कार्रवाई शुरू की थी।
63 राष्ट्रीय राइफल्स के कैप्टन एमवी प्रांजल को सबसे पहले गोली लगी थी जब वह उस इलाके में जानकारी इकट्ठा करने के लिए एक बुजुर्ग महिला से बात कर रहे थे जहां आतंकवादी छिपे हुए थे। घायल कैप्टन को सुरक्षित निकालने के लिए व्याकुल होकर, 9 पैरा के मेजर डीएस मेहरा क्षेत्र में गए। उन्होंने आतंकवादियों से गोलीबारी की और गोली लगने से घायल हो गए। कैप्टन प्रांजल ने दम तोड़ दिया, हालांकि मेजर मेहरा को निकाल लिया गया है और वह अपनी चोटों से उबर रहे हैं।
मेजर मेहरा को सपोर्ट करने वालों में 9 पैरा स्पेशल फोर्सेज के कैप्टन शुभम गुप्ता, हवलदार अब्दुल माजिद और लांस नायक संजय बिष्ट शामिल थे। सामरिक रूप से हस्तक्षेप करने की कोशिश में कैप्टन गुप्ता और दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। आज सुबह-सुबह पाकिस्तान ने ड्रोन के जरिए आतंकियों पर हथियार गिराने की कोशिश की, जिसे नाकाम कर दिया गया है। सूत्रों ने कहा कि ड्रोन गोला-बारूद ले जा रहे थे, जिन्हें बरामद कर लिया गया है और संभवत: पिस्तौलें भी थीं।
सुबह 9 बजे के तुरंत बाद, दो पाकिस्तानी आतंकवादियों में से एक मारा गया लेकिन एक अन्य सैनिक, पैराट्रूपर सचिन लॉर, ऑपरेशन के दौरान कार्रवाई में मारा गया। दूसरा आतंकवादी, जो संगर (जंगल में पत्थर की संरचना) के पीछे छिपा हुआ था और रुक-रुक कर गोलीबारी कर रहा था, उसको बाद में मार गिराया गया। सूत्रों ने कहा कि दो आतंकवादियों में से एक की पहचान लश्कर-ए-तैयबा के स्नाइपर और विस्फोटक विशेषज्ञ क्वारी के रूप में की गई है, जो एक साल से अधिक समय से राजौरी में सक्रिय था। सूत्रों ने बताया कि वह कम से कम तीन आतंकी घटनाओं में शामिल था।
मुठभेड़ में मारे गये पाकिस्तानी आतंकी के बारे में प्रवक्ता ने बताया कि उसकी पहचान क्वारी के तौर पर की गयी है । वह पाकिस्तान का नागरिक है और कुख्यात आतंकवादी है। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘उसे पाकिस्तान और अफगान मोर्चे पर प्रशिक्षित किया गया था। वह लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष आतंकियों में शुमार था ।’’ मुठभेड़ के दौरान घायल हुये दो जवानों – एक मेजर और एक जवान- को उधमपुर स्थित सेना के कमांड अस्पताल में उपचार के लिये भर्ती कराया गया है। इसमें जिन लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है उनमें कर्नाटक के रहने वाले 63 राष्ट्रीय राइफल्स के कैप्टन एम वी प्रांजल, उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के रहने वाले विशेष बल के कैप्टन शुभम, जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले के रहने वाले विशेष बल के हवलदार अब्दुल माजिद, और उत्तराखंड के नैनीताल के रहने वाले लांस नायक संजय बिष्ट शामिल हैं।