रत्न शास्त्र में रत्नों का उपयोग बेहद उपयोगी होता है. इन रत्नों के द्वारा आप कई तरह के लाभ देख सकते हैं. इसी रत्न में चंद्रमणि नामक रत्न बहुत ही चमत्कार होता है. इस रत्न का उपयोग आपके जीवन में मौजूद नकारात्मकताओं को दूर कर देने वाला होता है.
यह मानसिक शांति एवं धैर्य को प्रदान करने वाला होता है. इसे धारण करने से निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है. रत्नों का प्रयोग न केवल सुंदरता बढ़ाने के लिए किया जाता है, बल्कि रत्नों का संबंध ग्रहों की शांति एवं उनके द्वारा प्राप्त लाभ हेतु भी बहुत किया जाता है. रत्न शास्त्र में रत्नों का वर्णन मिलता है. इन सभी में जब बात आती है तो चंद्रमणि स्टोन का उपयोग बहुत अच्छा माना जाता है.
रत्न किसी न किसी ग्रह का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसी में चंद्रमणि स्टोन का उपयोग मून से संबंधित होता है. यदि आपकी कुंडली में वह ग्रह कमजोर है तो उस ग्रह से संबंधित रत्न धारण करने से उस ग्रह की शक्ति को बढ़ाया जा सकता है. यहां हम चंद्रमणि रत्न के बारे में बात करने जा रहे हैं जिसका संबंध चंद्र ग्रह से है. आइए जानते हैं चंद्रमणि पहनने के फायदे और इसे पहनने की विधि .
मानसिक संताप से बचाव का उपाय
यह चंद्रमणि रत्न मानसिक विकारों से मुक्ति के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है. चंद्रमा के पत्थर के ऊपर दूधिया चमक दिखाई देती है जो चांदी की तरह दिखती है. इस रत्न की सतह पर कई बार नीली झाई के समान दूधिया रंग की रोशनी दिखाई देती है. चंद्रमा का रत्न जितनी अधिक नीली आभा वाला होता है. इस रत्न का असर व्यक्ति को कई मायनों में बहुत ही बेहतर परिणाम देने वाला होता है.
यदि परिवार में किसी न किसी कारण से सदस्यों के बीच तनाव रहता है. या फिर वैचारिक मतभेद बना हुआ है और पारिवारिक कलह आपका पीछा नहीं छोड़ रही है तो मून स्टोन धारण करना बहुत फायदेमंद हो सकता है. साथ ही यह रत्न व्यक्ति को अपने काम और अपने निर्णयों के प्रति दृढ़ता से खड़े रहने की क्षमता भी देता है. जिन लोगों की पाचन शक्ति कमजोर होती है वे भी चंद्रमणि धारण कर सकते हैं. अगर किसी व्यक्ति को बार-बार गुस्सा आता है तो वह भी चंद्रमणि धारण कर सकता है.
धारण करने का नियम
चंद्रमणि को पहने के लिए शुक्ल पक्ष के सोमवार का समय सबसे अधिक उपयुक्त बताया गया है. इसे शुक्ल पक्ष के सोमवार की सुबह के समय हाथ की सबसे छोटी उंगली में पहनना चाहिए. इसे पूर्णिमा के दिन भी पहना जा सकता है.