इजरायल-हमास का भीषण युद्ध आज 19वें दिन भी जारी रहा। इजरायली सेना लगातार गाजा पट्टी पर हवाई हमले कर रही है। इसकी वजह से गाजा पट्टी में अब तक 6456 फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है, जबकि 20,000 के करीब लोग घायल हैं।
इस बीच, इजरायल पर कई देश गाजा पर हमले रोकने का दबाव बना रहे हैं। कई देशों ने गाजा पट्टी में फंसे लोगों के लिए राहत सामग्री भेजी है। दुनिया के करीब 57 मुस्लिम देशों ने इजरायल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इनमें सऊदी अरब, ईरान, तु्र्की और मिस्र समेत पाकिस्तान भी शामिल है।
पाक विदेश कार्यालय के प्रवक्ता के अनुसार, पाकिस्तान ने गाजा के लोगों के लिए दवाओं और तंबू सहित सहायता सामग्री भेजी है। इनमें 100 टन आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति, तंबू और कंबल भी शामिल है। गुरुवार को एक चार्टर्ड विमान इस्लामाबाद से मिस्र पहुंचा, जहां से फिर उसे गाजा पहुंचाया गया है। इतना ही नहीं, पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने इस्लामाबाद में फिलिस्तीन के दूतावास का दौरा किया और “इजरायल की क्रूरता” की निंदा की है।
गाजा पट्टी के हालात को लेकर पाकिस्तान पाकिस्तान में इजरायल के खिलाफ कई शहरों में प्रदर्शन किए गए। कराची में लोग फिलिस्तीन के समर्थन में सड़कों पर हजारों लोग उतर आए और इजरायल का झंडा फूंक दिया। कराची में पाकिस्तानियों ने अमेरिका का भी विरोध किया और सभी मुस्लिम देशों से इजरायल से संबंध तोड़ने की अपील की।
इस बीच, पाकिस्तान मूल के स्कॉलर और पूर्व कर्मचारी आरिफ अजाकिया, जो अब लंदन में रह रहे हैं, ने पाकिस्तान और पाकिस्तानियों के दोहरे रवैये की आलोचना की है और कहा है कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान में गाजा से भी बदतर हालात हैं, फिर भी पाकिस्तान को अपने गिरेबां में कुछ नहीं दिखाई दे रहा। अजाकिया ने कहा, अगर बलूचिस्तान के हालात पर भी पाकिस्तानियों का खून नहीं खौलता, और वे ऐसी दुर्दशा पर भी प्रदर्शन नहीं करते हैं तो उन पर लानत है।
अजाकिया ने कहा कि तुम्हारे अपने मुल्क में बलूचिस्तान, सिंध, केपीके में तुम्हारी अपनी आर्मी इन्हीं पाकिस्तानी मुसलमानों का वो हाल कर रही है जो इजरायलियों ने अभी तक किया भी नहीं है। अजाकिया ने कहा कि पाकिस्तान के इन सूबों में हाल ऐसा है कि पानी भरने के लिए लोगों को मीलों दूर जाना पड़ता है। रस्सियों से घसीट कर लोग पानी लाने को मजबूर हैं। बलूचिस्तान में गैस उत्पादन के बावजूद गैस नहीं मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि पाक आर्मी सिंध, केपीके और बलूचिस्तान में आम लोगों पर जो बर्बरता कर रही है, उसके आगे इजरायली फौज की बर्बरता कम है। पाक स्कॉलर ने कहा कि पाकिस्तानियों में अगर थोड़ी सी भी इंसानियत, गैरत और शर्म बची है तो इन परिस्थितियों में चौबीसों घंटे सड़कों पर प्रदर्शन करते रहना चाहिए।