बीते करीब 11 महीने से गाज़ा में जंग जारी है, इस युद्ध को रोकने के लिए अमेरिका, मिस्त्र और क़तर के साथ मिलकर कई महीनों से कोशिशें कर रहा है. लेकिन इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू की शर्तों की वजह से यह डील नहीं हो पाई. शनिवार को गाज़ा की सुरंग में मिले इजराइली बंधकों के शव के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन काफी चिंतित हैं.
जानकारी के मुताबिक बाइडेन एक नए प्रस्ताव को तैयार करने में लगे हैं, जिस पर हमास और इजराइल को राज़ी किया जा सके. Axios की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इसी सप्ताह इजराइल और हमास के सामने इस नए प्रस्ताव को पेश कर सकते हैं जो कि गाज़ा में सीजफायर और बंधकों की रिहाई से जुड़ा होगा.
बंधकों के शव मिलने से बाइडेन चिंतित
दरअसल शनिवार को इजराइली सेना ने एक सुरंग से 6 बंधकों के शव बरामद किए थे, इनमें से एक शख्स अमेरिकी नागरिक था. बंधकों के शव मिलने के बाद बाइडेन प्रशासन पर तत्काल सीज़फायर के लिए दबाव बढ़ाया है, बाइडेन प्रशासन जितनी जल्दी हो सके एक समझौते तक पहुंचना चाहता है जिससे बचे हुए बंधकों की रिहाई कराई जा सके.
व्हाइट हाउस के सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने हमास के कब्जे में मौजूद अमेरिकी बंधकों के परिवारों को बताया है कि राष्ट्रपति बाइडेन सोमवार को राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ बैठक करेंगे ताकि अंतिम समझौते की रणनीति तय की जा सके.
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प्रस्ताव में फिलाडेल्फी कॉरिडोर का भी जिक्र
जानकारी के मुताबिक हमास और इजराइल के पास इस प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देने के लिए एक हफ्ते का समय होगा. साथ ही इसमें फिलाडेल्फी कॉरिडोर को लेकर भी प्रस्ताव होगा. जिससे अमेरिका को उम्मीद है कि हमास और मिस्त्र इस प्रस्ताव जरूर कबूल करेंगे. दरअसल हमास और मिस्त्र दोनों ही फिलाडेल्फी कॉरिडोर पर इजराइली सेना की मौजूदगी के खिलाफ हैं. जबकि इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू का कहना था कि सीजफायर डील के बावजूद उनकी सेना इस कॉरिडोर पर तैनात रहेगी.
एक कॉरिडोर के चलते अटकी थी डील
दरअसल फिलाडेल्फी कॉरिडोर मिस्त्र और गाज़ा के बीच एक संकरी पट्टी है, जिसकी लंबाई करीब 14 किलोमीटर है. नेतन्याहू का मानना है कि हमास को दोबारा हथियारबंद होने से रोकने के लिए इजराइली सेना का इस कॉरिडोर पर नियंत्रण बेहद जरूरी है. वहीं इसी कॉरिडोर पर गाज़ा को बाहरी दुनिया से जोड़ने का एकमात्र रास्ता राफा बॉर्डर मौजूद है. गाज़ा में किसी भी तरह की मानवीय सहायता और आवागमन के लिए इसी रास्ते का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में हमास और मिस्त्र दोनों ही इस रास्ते पर इजराइल के नियंत्रण के खिलाफ हैं. यही वजह है कि अगस्त में तमाम कोशिशों और कई बैठकों के बावजूद हमास और इजराइल के बीच सीज़फायर को लेकर बात नहीं बन पाई.
हमास के कब्जे में करीब 100 बंधक
7 अक्टूबर को हमास ने इजराइल पर हमला कर दिया था, इस हमले में करीब 1200 लोगों के मारे जाने का दावा इजराइल करता है. वहीं हमास ने 200 से ज्यादा लोगों को बंधक भी बना लिया था. इजराइली सेना के मुताबिक अब भी हमास के कब्जे में 100 के करीब बंधक हैं जिन्हें घर वापस लाने की कोशिश की जारी हैं. वहीं इजराइल के लोगों का मानना है कि सीजफायर डील से ही बंधकों की वापसी मुमकिन हो सकती है, लिहाज़ा बंधकों का परिवार और हजारों इजराइली नागरिक प्रधानमंत्री नेतन्याहू से मांग कर रहे हैं कि उन्हें हमास के साथ सीज़फायर डील कर लेनी चाहिए.