विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने गुरुवार को मांग करते हुए कहा कि गृह मंत्री अमित शाह संसद सुरक्षा उल्लंघन के मुद्दे पर बयान दें और उसके बाद दोनों सदनों में इस मामले पर चर्चा कराएं।
कुछ विपक्षी सांसदों ने गृह मंत्री के इस्तीफे तक की मांग कर दी। इस मुद्दे पर मचे घमासान के बीच खुद अमित शाही की प्रतिक्रिया सामने आई है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि यह गंभीर मामला है और लोकसभा स्पीकर ने इसका संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष राजनीति कर रहा है। शाह ने कहा, “चूक हुई है, जिसकी वजह से घटना हुई। गृह मंत्रालय ने सीनियर डीजीपी के नेतृत्व में कमेटी बनाई है। मामले में एफआईआर भी हुई है और जांच भी हो रही है। 15-20 दिन में रिपोर्ट सामने आ जाएगी।”
‘आजतक’ पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि घटना की जांच करने का काम सौंपा गया है और सुरक्षा को कैसे दुरुस्त किया जाए, यह दोनों काम कमेटी को सौंपे गए हैं। उन्होंने कहा कि कई बार सुरक्षा में सेंध लगाने वाले नए नए लूपहोल ढूंढते रहते हैं। इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए।
बता दें कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों के नेताओं ने संसद की सुरक्षा में चूक के मामले को लेकर बृहस्पतिवार को एक बैठक की और सरकार से आग्रह किया इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह विस्तृत बयान दें तथा दोनों सदनों में इस विषय पर चर्चा कराई जाए। विपक्षी दलों की यह भी मांग है कि लोकसभा की दर्शक दीर्घा से सदन में कूदने वाले व्यक्ति को पास दिलाने के लिए अनुशंसा करने वाले भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
कई सांसदों ने यह आरोप भी लगाया कि नए संसद भवन में सुरक्षा व्यवस्था पर्याप्त नहीं है और इस पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है। लोकसभा की कार्यवाही के दौरान बुधवार को दर्शक दीर्घा से दो लोग अचानक सदन के भीतर कूद गए और ‘केन’ के जरिये धुआं फैला दिया। इसके तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया। सदन में करीब एक बजे शून्यकाल के दौरान यह घटना घटी। तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि गृह मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि वह संसद की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अमित शाह को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। कोई सुरक्षा योजना नहीं है…अगर संसद की सुरक्षा में इस तरह से सेंध लगाई जा सकती है, तो देश कैसे सुरक्षित रह सकता है?’’ बनर्जी ने कहा कि घटना और भी गंभीर हो सकती थी और उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।
इस बीच संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगाने के आरोप में गिरफ्तार किये गए चार लोगों को बृहस्पतिवार को सात दिन के लिए दिल्ली पुलिस की हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने आरोपियों-मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल शिंदे और नीलम देवी- को एनआईए (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) मामलों की विशेष न्यायाधीश हरदीप कौर की विशेष अदालत में पेश किया। पुलिस ने अदालत से आरोपियों को 15 दिन की हिरासत में भेजने का अनुरोध किया, ताकि उनसे पूछताछ की जा सके। अदालत ने आरोपियों को सात दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया।