देश में सूचना के अधिकार कानून को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। इसके साथ ही इस मुद्दे को संसद में भी उठाने की बात कही है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर एक पोस्ट के जरिए सरकार को घेरा है। इसके साथ ही खरगे ने इस मुद्दे को संसद तक में उठाने की बात कही है
खरगे ने लिखा कि एक तरफ़ Misinformation और Disinformation में भारत पिछले वर्षों से शीर्ष स्थान पर आ रहा है, दूसरी तरफ़ मोदी सरकार, कांग्रेस-UPA द्वारा लागू किए गए Right To Information (RTI) Act को Data Protection क़ानून लाकर कमज़ोर करने पर तुली हुई है। चाहे सार्वजनिक क्षेत्र की जानकारी जैसे राशन कॉर्ड की सूची, MGNREGA के लाभार्थी मज़दूर, जन-कल्याण की योजनाओं में शामिल लोगों के नाम, चुनाव में वोटर लिस्ट, या फ़िर सरकारी बैंकों से लोन लेकर विदेश भागने वाले घोटालेबाज़ अरबपतियों के नाम — इन सबके नाम जनता के लिए Public Domain में सामने होना ज़रूरी है।
बता दें कि खरगे यहीं नहीं रुके। मोदी सरकार Data Protection के नाम पर RTI को कमज़ोर कर रही है, जिससे ऐसे नाम अब सार्वजनिक नहीं हो पाएंगे। Right to Privacy एक Fundamental Right है और कांग्रेस ने उसके लिए लड़ाई लड़ी है, पर जहाँ Public Welfare की बात आती है Right to Information ज़रूरी है।
खरगे ने आगे बताया कि कांग्रेस की RTI में भी Right to Privacy का ध्यान रखा गया था, पर इसका मतलब ये नहीं कि लाभार्थी की सूची या घोटालेबाज़ों के नाम सार्वजनिक ना किए जाएँ। कांग्रेस पार्टी RTI को कमज़ोर नहीं होने देगी, हमने पहले भी इसके लिए आवाज़ उठाई है, और सड़क से संसद तक आवाज़ उठाते रहेंगे। इस तानाशाही सरकार से जन-जन के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए लड़ते रहेंगे!