बिहार की राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ इलाके से चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के साथ संबंध रखने वाले दो आरोपियों को पकड़ा गया है। इनकी गिरफ्तारी के बाद से बिहार पुलिस ‘भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल आतंकी मॉड्यूल’ का भंडाफोड़ करने का दावा कर रही है। आरोपियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में, बिहार पुलिस ने खुलासा किया कि उन्होंने पांच अलग-अलग अहम दस्तावेज जब्त किए हैं।
क्या है पीएफआई का 10% वाला फॉर्मूला
इन दस्तावेजों में भारत को 2047 तक इस्लामिक शासन की ओर ले जाने का जिक्र किया गया है। इसके लिए उन्होंने दस्तावेजों में पुख्ता प्लानिंग भी बनाई। जब्त किए गए दस्तावेजों के पेज नंबर 3 में 10% वाले फॉर्मूले का जिक्र किया गया है। पीएफआई को विश्वास है कि अगर कुल मुस्लिम आबादी का केवल 10% भी इसके साथ जुड़ता है, तो भी पीएफआई ‘कायर बहुसंख्यक’ समुदाय को उसके घुटनों पर ला देगा और इस्लामी शासन की स्थापना करेगा।
दस्तावेजों के पेज नंबर 7 पर बड़े स्तर पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन की बात कही गई है। इसमें लिखा है कि सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई के दौरान, “हमारे प्रशिक्षित पीई कैडरों पर भरोसा करने के अलावा, हमें मित्र इस्लामी देशों से मदद की आवश्यकता होगी।” गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में, पीएफआई ने इस्लाम के ध्वजवाहक तुर्की के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित किए हैं। कुछ अन्य इस्लामी देशों के साथ भी यह रिश्ता कायम करने के लिए प्रयास कर रहा है।
भारत के इस्लामीकरण का रोडमैप भी किया तैयार
फुलवारी शरीफ के अपर पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार ने बताया कि बुधवार देर रात झारखंड के सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज को गिरफ्तार किया गया। आरोपी पीएफआई से जुड़े हैं।’’ उन्होंने कहा कि जलालुद्दीन पहले स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से जुड़ा था। इनसे प्राप्त दस्तावेजों में लिखा है, “भारत को इस्लामिक देश बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है जो सभी पीएफआई नेताओं द्वारा बनाया गया है। इस लक्ष्य के लिए पीएफआई कैडरों, विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय को मार्गदर्शन करने के लिए तैयार किया गया है।”
पुलिस अधिकारी ने बताया कि जलालुद्दीन के मकान में स्थानीय लोगों को मार्शल आर्ट अथवा शारीरिक शिक्षा के नाम पर अस्त्र-शस्त्र का प्रशिक्षण देने एवं धार्मिक उन्माद फैलाने के लिए उन्हें उकसाने की बात सामने आई है। यही बात उनसे प्राप्त दस्तावेजों में भी लिखी हुई है। पीएफआई दस्तावेज में लिखा है, “पार्टी सहित हमारे सभी फ्रंटल संगठनों को नए सदस्यों के विस्तार और भर्ती पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। हम अपने पीई विभाग में सदस्यों की भर्ती और ट्रेनिंग शुरू करेंगे, जिसमें उन्हें हमला करने और बचाव तकनीकों, तलवारों, छड़ों और अन्य हथियारों के इस्तेमाल पर ट्रेनिंग दी जाएगी।”
पीएफआई दस्तावेज में सरकारी विभागों में “वफादार मुसलमानों” की भर्ती कराने की योजना भी शामिल है। इनकी कार्यकारी और न्यायिक पदों के साथ-साथ पुलिस और सेना में “वफादार मुसलमानों” की भर्ती कराने की योजना है। दस्तावेज के अनुसार पीएफआई ने आरएसएस के खिलाफ भी योजना बनाई है। इसने आरएसएस को केवल “उच्च जाति वाले हिंदुओं” के कल्याण में रुचि रखने वाले संगठन के रूप में पेश करके “आरएसएस और एससी/एसटी/ओबीसी के बीच एक विभाजन” पैदा करने की योजना बनाई है।