तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का एक साल से आंदोलन चल रहा है। इसी बीच सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही कृषि कानूनों को वापस लेने वाले बिल को लोकसभा और राज्यसभा दोनों ने ही मंजूरी दे दी। जिसके बाद भारतीय किसान यूनियन कादियान ने इसे किसानों की जीत बताई। आपको बता दें कि पंजाब के 32 किसान संगठनों ने सिंघु बॉर्डर पर एक बैठक की। इस बैठक के बाद बीकेयू कादियान के अध्यक्ष हरमीत सिंह कादियान ने बताया कि एक दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की बैठक होगी। एमएसपी कमेटी को लेकर आंदोलन पर अगला फैसला अगली बैठक में लिया जाएगा।समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, हरमीत सिंह कादियान ने कहा कि चार दिसंबर को होने वाली बैठक अपने समय पर होगी। 1 दिसंबर को आपातकालीन बैठक होगी। यह बैठक किसान संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा आयोजित की जाएगी, जो सरकार के साथ 11 दौर की वार्ता के लिए गए थे। वहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि ये काला क़ानून एक बिमारी थी, जितना जल्दी कट गई उतनी जल्दी ठीक है। अब इस बिल पर राष्ट्रपति की मोहर लग जाएगी तो यह ख़त्म हो जाएगा। सरकार जहां बुलाएगी हम वहां बात करने जाएंगे।गौरतलब है कि किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने 21 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिख कर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी समेत छह मांगों पर तत्काल वार्ता बहाल करने का अनुरोध किया था।