भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संसदीय बोर्ड की एक महत्वपूर्ण बैठक गुरुवार को होगी। बैठक में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के नए मुख्यमंत्रियों पर फैसला होने की संभावना है। भगवा पार्टी द्वारा 3 दिसंबर को हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव जीतने के कुछ दिनों बाद भाजपा की उच्च स्तरीय बैठक होगी।
इन तीनों राज्यों से कुल मिलाकर 65 सांसद लोकसभा आते हैं। ऐसे में विधानसभा चुनावों में जीत अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा के लिए उत्साह बढ़ाने वाली है। इससे पहले दिन में, विधानसभा चुनाव जीतने वाले दो केंद्रीय मंत्रियों सहित 10 भाजपा सांसदों ने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया। इन 10 सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद अपना इस्तीफा दिया।
दरअसल इससे पहले भाजपा की एक उच्च स्तरीय बैठक मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक आवास पर हुई, जिसमें राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों को चुनने की प्रक्रिया पर विचार-विमर्श किया था। भाजपा ने हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में जहां मध्य प्रदेश की सत्ता बरकरार रखी थी, तो वहीं राजस्थान व छत्तीसगढ़ उसने कांग्रेस से छीन लिया।
भाजपा ने तीनों ही राज्यों में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की थी। पार्टी ने इन चुनावों में भाजपा के चुनाव चिह्न कमल और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे को आगे रखा था। चुनावी नतीजों के बाद भी भाजपा ने अभी तक तीनों में से किसी राज्य में यह घोषणा नहीं की है कि कौन मुख्यमंत्री बनेगा। हालांकि कल तीनों राज्यों को नया मुख्यमंत्री मिल सकता है।
भाजपा संसदीय दल गुरुवार को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान अपनी पहली बैठक करेगा और तीन विधानसभा चुनावों में पार्टी को भारी जीत दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सम्मानित करने की संभावना है। भाजपा संसदीय दल में उसके सभी लोकसभा और राज्यसभा सदस्य शामिल हैं। यह दल आम तौर पर सत्र के दौरान हर हफ्ते बैठक करता है। बैठकों में, पीएम मोदी सहित भाजपा के नेता संसद के एजेंडे और इसके संगठनात्मक और राजनीतिक अभियानों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
केंद्रीय मंत्रियों सहित भाजपा के 10 सांसदों ने दिया इस्तीफा, राज्य सरकारों में हो सकते हैं शामिल
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रह्लाद सिंह पटेल ने बुधवार को लोकसभा से इस्तीफा दे दिया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेतृत्व ने फैसला किया कि हालिया विधानसभा चुनाव में निर्वाचित हुए सभी सांसद संसद की सदस्यता से इस्तीफा देंगे। इस महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम के साथ ही स्पष्ट संकेत मिले हैं कि इस्तीफा देने वाले सांसद मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की भावी सरकार में शामिल होंगे। इस कदम से यह विचार भी पैदा हुआ है कि पार्टी नेतृत्व तीनों राज्यों में नए चेहरों को मुख्यमंत्री के पद पर मौका दे सकता है। हालांकि, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इस बारे में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा के साथ दसों सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। इसके बाद सांसदों ने अपने-अपने इस्तीफे सौंपे और फिर सभी ने संसद भवन परिसर स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। इस्तीफा देने वाले 10 सांसदों में तोमर और पटेल के अलावा जबलपुर के सांसद राकेश सिंह, सीधी की सांसद रीती पाठक, होशंगाबाद के सांसद उदय प्रताप सिंह, राजस्थान के राजसमंद की सांसद दीया कुमारी, जयपुर के सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़, राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा, छत्तीसगढ़ के अरुण साव और गोमती साय शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ और केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह भी जल्द संसद की सदस्यता से इस्तीफा देंगे। दोनों ने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की है।