कोरोना महामारी की दूसरी लहर से हलकान ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को राहत देने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के प्रशिक्षित राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर के तकरीबन 14 हजार कर्मचारी उतरने को तैयार हैं। जमीनी स्तर पर काम करने वाले ये कर्मचारी देश के स्वयं सेवी समूहों (एसएचजी) के लगभग ढाई करोड़ से अधिक सदस्यों को साथ लेकर लोगों को कोरोना से बचाव के उपायों और तात्कालिक उपचार की जानकारी देने के साथ ही टीकाकरण के लिए जागरूक भी करेंगे। इसके लिए इन्हें पहले ही प्रशिक्षित किया जा चुका है।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए दी गई ट्रेनिंग
दीनदयाल अंत्योदय योजना के तहत चलाए जा रहे राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने राज्य स्तरीय आजीविका मिशन के कर्मचारियों को ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रशिक्षित किया है। इन्हें कोरोना से बचाव के तौर तरीके, संक्रमण के बाद फौरी प्राथमिक उपचार, टीकाकरण में लोगों की सहभागिता सुनिश्चित करने के साथ ही लोगों में प्रतिरक्षा बढ़ाने जैसे विषयों की जानकारी दी गई।
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कसी कमर
कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत के साथ ही संक्रमण के ग्रामीण क्षेत्र में फैलने की आशंका के मद्देनजर ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी थीं। इस महीने की 17 तारीख तक राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के 14 हजार से अधिक कर्मचारियों को भी प्रशिक्षण दे दिया गया। इस अभियान में 34 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के कर्मचारियों ने ऑनलाइन प्रशिक्षण प्राप्त किया है। कई सत्रों में 67 लाख से अधिक एसएचजी के सदस्यों को प्रशिक्षित किया गया है।
सामुदायिक विशेषज्ञों को तैयार करने का प्रशिक्षण
इन्हें कोरोना के रोगियों को वर्गीकृत करने और उनकी देखभाल की जानकारी लोगों को दी गई। सामुदायिक विशेषज्ञों को तैयार करने के लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया। टीके के उपयोग पर आशंकाओं से निपटने के लिए दोनों टीकों से संभावित प्रतिकूल प्रभावों के बारे में भी इन्हें विस्तार से बताया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचलित अफवाहों के बारे में प्रतिभागियों से जानकारी लेकर वहीं उन्हें दूर किया गया।
डॉक्टरों से भी बात कराई गई
मंत्रालय के जारी आंकड़ों के मुताबिक 16 मई, 2021 तक कुल 2.48 करोड़ एसएचजी सदस्यों के साथ 1.40 लाख सामुदायिक कार्यकर्ताओं, 1.20 लाख सामुदायिक विशेषज्ञों और 12 हजार सामाजिक कार्य समितियों के साथ 42 हजार अन्य लोगों को प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण के दौरान हरियाणा के झज्जर स्थित एम्स में कोरोना संक्रमितों का इलाज करने वाले विशेषज्ञ से बातचीत भी कराई गई। मालूम हो कि गरीबी उन्मूलन योजना में दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) प्रमुख भूमिका निभाता है। इसमें गांव के सबसे गरीब परिवार की महिलाएं हिस्सा लेती हैं।