केरल विधानसभा चुनाव (Kerala Assembly Election) में हुई हार के कारणों का पता लगाने के लिए बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने पार्टी से जुड़े तीन पूर्व नौकरशाहों से बीजेपी की हार पर उनके विचार मांगे जो उन्होंने पार्टी को भेज दिए हैं.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक तीन पूर्व अधिकारियों में से दो, केरल कैडर के सेवानिवृत्त आईपीएस जैकब थॉमस और आईएएस अधिकारी सीवी आनंद बोसने ने पार्टी के भीतर समस्याओं और 6 अप्रैल की विधानसभा में हार के कारणों पर “स्वतंत्र रिपोर्ट” भेजी है.
सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि उन्होंने केरल भाजपा के भीतर के मुद्दों, 6 अप्रैल के चुनावों में हुई हार के कारणों, बढ़ती गुटबाजी और राज्य में पार्टी की छवि सुधारने के लिए कुछ सुझावों पर स्वतंत्र रिपोर्ट भेजी है. साथ ही, उनमें से एक ने अपनी रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया कि केंद्रीय नेतृत्व चुनावों में पार्टी की हार की जांच एक पेशेवर एजेंसी को सौंपे.
वहीं राज्य में सत्तारूढ़ माकपा और विपक्षी कांग्रेस ने बीजेपी पर विधानसभा चुनावों में बड़ी मात्रा में काले धन का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. लूट मामले की जांच कर रही एक विशेष जांच टीम पहले ही इस संबंध में कई भाजपा नेताओं से पूछताछ कर चुकी है
सीएम ने इस मुद्दे पर कांग्रेस विधायक शफी परम्बिल द्वारा स्थगन के नोटिस के जवाब में सदन को बताया,” कोडकारा मामले की जांच के हिस्से के रूप में 96 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे और फिलहाल 20 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और उनपर कानूनी कार्रवाई की जा रही है.”
उन्होंने बताया कि लूटे गए 3.5 करोड़ रुपये में से 1.12 करोड़ रुपये 347 ग्राम सोने के आभूषण, मोबाइल और घड़ी खरीदने के लिए इस्तेमाल किए गए थे. फिलहाल पुलिस ने इस सामानों को जब्त कर लिया है और जांच में जुटी है.
मामले की डीटेल देते हुए विजयन ने कहा कि सबसे पहले कोडकारा थाने में 7 अप्रैल को डकैती की एक रिपोर्ट दर्ज की गई, उसमें बताया गया कि 3 अप्रैल को कोझिकोड-कोच्चि हाइवे पर बदमाशों ने 25 लाख रुपये लूट लिए हैं. बाद में जब इस मामले की इन्वेस्टिगेशन की गई तो पता चला कि लूटी गई राशि पच्चीस लाख नहीं बल्कि 3.5 करोड़ थी.
वहीं आरोप लगाया गया है कि बीजेपी इस पैसे का इस्तेमाल चुनावी खर्च में करने वाली थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि बाद में राज्य पुलिस प्रमुख के आदेश के अनुसार मामले की जांच के लिए त्रिशूर रेंज के डीआईजी और एर्नाकुलम क्राइम ब्रांच एसपी की देखरेख में एक विशेष जांच दल का गठन किया. उन्होंने कहा, “पलक्कड़ के पुलिस उपाधीक्षक (DGP) को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है और जांच अच्छी तरह से चल रही है.