केरल में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) को लगातार दूसरी बार शानदार तरीके के राज्य की सत्ता में वापसी कराने वाले मुख्यमंत्री पी. विजयन को अपनी सरकार बनाने में एक खास तरह की मुश्किल का समान करना पड़ेगा। इस बार अपना मंत्रिमंडल (कैबिनेट) गठित करने में उन्हें अनुभवी साथियों की काफी कमी खलेगी। पिछली कैबिनेट में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने वाले पांच वरिष्ठ मंत्रियों को पार्टी के नियम के अनुसार इस बार टिकट ही नहीं मिला था। ऐसे में उन्हें इस बार नई कैबिनेट के लिए काफी माथापच्ची करनी पड़ सकती है।
नए चेहरों को मिल सकता है मौका
इस गुणागणित में इस बार का मंत्रिमंडल में कई नए चेहरों को मौका मिल सकता है। दरअसल विजयन जिस पार्टी माकपा के सदस्य हैं उसके नियम के अनुसार किसी को लगातार दो बार के बाद चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिया जाता। इस नियम के कारण इस बार उनकी पिछली कैबिनेट में शामिल पांच दिग्गज मंत्री थामस इस्साक (वित्त मंत्री), एके बालन (कानून मंत्री), जी. सुधाकरन (लोकनिर्माण मंत्री), सी. रवीन्द्रनाथ (शिक्षा मंत्री), और ई.पी. जयराजन (उद्योग मंत्री) टिकट पाने में नाकाम रहे। इनके अलावा पार्टी के 28 अन्य विधायक इस बार टिकट पाने से वंचित रह गए।
कई राज्य मंत्री चुनाव जीतने में सफल
हालांकि इस बार कई राज्य मंत्री चुनाव जीतने में सफल रहे। इनमें राज्य मंत्री कडकापल्ली सुरेंद्रन (पर्यटन), एम.एम.मणि (विद्युत), ए.सी.मोइद्दीन (स्थानीय स्व सरकार), टी.पी. रामकृष्णन (आबकारी) और के.के. शैलजा (स्वास्थ्य)। मत्स्य पालन मंत्री जे. मर्सीकुट्टी अम्मा चुनाव हारने वाली एकमात्र मंत्री रहीं।
इन्हें मिल सकती है जगह
उच्च शिक्षा मंत्री, केटी जलील, जो माकपा के नहीं हैं लेकिन चुनाव जीतने में सफल रहे। पूरी उम्मीद है इन्हें नए मंत्रिमंडिल में जरूर शामिल किया जाएगा। इसी तरह विजयन के करीबी और उनके भरोसेमंद एमवी गोविंदन को भी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। जिन और लोगों के नाम पर विजयन विचार कर सकते हैं उनमें पूर्व राज्यसभा सदस्य पी.राजीव और के. एन. बालगोपाल हैं। दोनों ने जीत हासिल कर ली है।
बी. बी. राजेश भी दावेदार
इसी तरह दो बार लोकसभा सदस्य रहे बी. बी. राजेश को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। ये 2019 में चुनाव हार गए थे लेकिन इस बार जीत की हैट्रिक के लिए प्रयासरत कांग्रेस के युवा नेता वी.टी. बालाराम को धूल चटाने में सफल रहे।
ये भी दौड़ में शामिल
कोल्लम से लगातार दूसरी बार जीते फिल्मस्टार से नेता बने माकपा विधायक मुकेश को भी कैबिनेट में जगह मिलने की उम्मीद है। महिलाओं की बात करें तो केके शैलजा का मंत्री बनना तय माना जा रहा है। इसी तरह पत्रकार से विधायक वीना जार्ज भी दौड़ में शामिल हैं। उनके साथ लगातार दूसरी बार जीतने वाली यू.प्रतिभा भी लाइन में हैं। माकपा सचिव और एलडीएफ के संयोजक ए.विजयराघवन की पत्नी आर.बिंदू भी इस बार मंत्री लोगों को चौंका सकती हैं।
दामाद मोहम्मद रियाज पर भी नजरें
इस बार सभी की निगाहें विजयन के दामाद मोहम्मद रियाज पर भी हैं कि क्या उन्हें उन्हें भी कैबिनेट में जगह मिलेगी। उन्होंने बेयपुर सीट पर निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 20,000 से अधिक वोटों के अंतर से हराया जबकि एक एक्जिट पोल में उनके हारने की भविष्यवाणी की गई थी।
भाकपा को कितनी मिलेगी तरजीह
पूर्व स्पीकर और पूर्व मंत्री के. राधाकृष्णन को भी मंत्री पद के लिए उपयुक्त माना जा सकता है। दलित समुदाय से होने के साथ-साथ वे इस समय सेंट्रल कमेटी के भी सदस्य हैं। इसी तरह विजयन के एक अन्य भरोसेमंद सहयोगी वीएन वासन को भी हरी झंडी मिल सकती है। इस बार यह देखना भी मजेदार हो गा कि एलडीएफ की दूसरी सबसे बड़ी घटक पार्टी भाकपा को पिछली बार की तरह क्या चार मंत्रियों का कोटा मिलता है कि नहीं। क्योंकि इस बार उसके 16 प्रत्याशी ही जीते हैं जबकि पिछली बार उसके 19 प्रत्याशियों को जीत हासिल हुई थी।