अपने अलग अंदाज और बयानों के लिए चर्चित रहने वाले लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अब मोदी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। मोदी मंत्रिपरिषद के विस्तार में बिहार से जदयू के आरसीपी सिंह और लोजपा के पशुपति पारस को शामिल किया गया लेकिन पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी को स्थान नहीं मिल सका है। इस पर तेज प्रताप ने कहा कि आपने जो नया कुर्ता पजामा सिलवाया है, उसे संभाल कर रखिये। तेजस्वी का शपथ होने वाला है। आपके लिए दर्शक दीर्घा में एक कुर्सी रखी जाएगी।
बिहार विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी ने अपने कद्दावर नेता सुशील मोदी को उपमुख्यमंत्री नहीं बनाने का बड़ा फैसला किया था। तब इस फैसले के कई राजनीतिक अर्थ निकाले गए। इसे सुशील मोदी को बिहार की राजनीति में हाशिए पर धकेलने की कोशिश भी बताया गया। यह भी कहा गया कि पार्टी उन्हें केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके बाद उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाया गया तो माना गया कि मंत्रिपरिषद के विस्तार में वह भी मंत्री बनेंगे लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
सुशील मोदी को मंत्री नहीं बनाने पर ही तेज प्रताप ने ट्वीट कर तंज कसा है। तेज प्रताप ने लिखा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले सभी नए मंत्रियों को शुभकामनाएं। सुशील मोदी जी के लिए ढेर सारी सांत्वनाएं। छोटका मोदीजी, नया कुर्ता – पायजामा जो सिलवाएं हैं उसको संभालकर रखिए जल्द तेजस्वी का शपथग्रहण होने वाला है वहां दर्शकदीर्घा में एक कुर्सी आपके लिए रिजर्व रखा जाएगा।
इससे पहले पांच जुलाई को ही तेज प्रताप उस समय चर्चा में आए थे जब राजद के स्थापना दिवस में उन्होंने अपनी ही पार्टी के कई नेताओं को निशाने पर ले लिया था। राजद की राजनीति में भले तेज प्रताप का कद छोटे भाई तेजस्वी से छोटा हो लेकिन उनका अंदाज हमेशा बड़े-बड़ों का ध्यान खींचता रहा है।
लालू को जेल पहुंचाने में सुशील मोदी की अहम भूमिका
लालू यादव को जेल पहुंचाने में सुशील मोदी की अहम भूमिका रही है। सक्रिय राजनीति में आने के बाद सुशील मोदी साल 1990 में पटना केंद्रीय विधानसभा (अब कुम्हार) से चुनाव जीता। उसी साल उन्हें बीजेपी बिहार विधानसभा दल का मुख्य सचेतक बनाया गया। आगे 1996 से 2004 तक वे बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में रहे। साल 2004 में वे भागलपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद बने। साल 2005 में जब बिहार में लालू राज के अंत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी, तो सुशील मोदी बिहार बीजेपी विधानमंडल पार्टी के नेता चुने गए। इसके बाद लोकसभा से इस्तीफा देकर उन्होंने बिहार के उपमुख्यमंत्री का पद संभाला।
साल 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत के बाद वे फिर उपमुख्यमंत्री बने। इसके अगले चुनाव में बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी, तब के दौर में उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव व उनके परिवार के खिलाफ मुहिम चलाकर घोटालों की कई फाइलें खुलवा दीं। इस तरह साल 2017 में वे बिहार में जेडीयू-आरजेडी की महागठबंधन सरकार के पतन के पीछे प्रमुख भूमिका में रहे। इसके पहले उन्होंने ही कई साल पहले पटना हाईकोर्ट में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ जनहित याचिका दायर कर चारा घोटाला को उजागर कराया था।