कृषि सुधार कानूनों के विरोध में कुंडली बार्डर पर चल रहे धरने में एक बार फिर पंजाब व अन्य स्थानों से लोगों का पहुंचना शुरू हो गया है। बाहर से आकर लोगों के भीड़ में शामिल होने से कोरोना का खतरा बढ़ गया है। कोविड-19 की दूसरी लहर बेकाबू होती जा रही है। सोनीपत जिले में रोजाना 700-800 संक्रमित मिल रहे हैं और इनमें बड़ी संख्या में मरीज विभिन्न गांवों से भी मिल रहे हैं। ऐसे में धरना स्थल पर पूरी लापरवाही बरती जा रही है। यहां पहले से ही पांच-सात हजार की भीड़ मौजूद है और अब एक बार फिर से पंजाब से ट्रैक्टरों के जरिये बड़ी संख्या में लोग पहुंचने लगे हैं। गुरुवार को भी पंजाब से करीब तीन से चार दर्जन ट्रैक्टर-ट्राली से लोग कुंडली बार्डर पर पहुंचे। इस तरह से भीड़ बढ़ती देख आसपास के लोगों को भी कोरोना का भय सताने लगा है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि सरकार को किसी भी तरह से इनको यहां से हटाना चाहिए, क्योंकि ये न तो कोरोना जांच करवा रहें है और न ही जीटी रोड को खाली कर रहे हैं। संयुक्त मोर्चा के सदस्य मंजीत सिह राय ने तो साफ तौर पर कहा है कि मोर्चा किसी भी आंदोलनकारी की कोरोना जांच प्रशासन को नहीं करने देगा, क्योंकि प्रशासन सरकार के इशारे पर उन्हें उठाने की बात कह रहा है। कुंडली औद्योगिक एसोसिएशन के प्रधान सुभाष गुप्ता का कहना है कि इस महामारी के सामने अब आंदोलन के बारे में सोचना उचित नहीं है। कोरोना संक्रमण गांवों में भी खूब फैल रहा है। इसके चलते आंदोलन को फिलहाल स्थगित करना चाहिए।