दिल्ली में हो रही तेज बारिश के बीच नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे समूह में शामिल पंजाब के दो किसानों की मौत हो गई, जिनमें से एक कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया।
अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि पटियाला निवासी बलबीर सिंह (50) और लुधियाना निवासी महिंदर सिंह (70) की मंगलवार को मौत हो गई। उन्होंने बताया कि वे सिंघु बॉर्डर के निकट विरोध प्रदर्शन कर रहे समूह में शामिल थे।
सोनीपत के मुख्य चिकित्सा अधिकारी जसवंत सिंह पूनिया ने बताया कि बलबीर को पिछले दो दिन से बुखार था। उन्होंने बताया कि बलबीर को सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया और जांच में उसके संक्रमित होने की पुष्टि हुई।
हालांकि राई थाना प्रभारी बिजेंदर सिंह ने बताया कि उन्हें अभी स्वास्थ्य अधिकारियों से रिपोर्ट नहीं मिली है। कुंडली थाना प्रभारी रवि कुमार ने बताया कि महेंद्र का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और उसकी मौत का कारण अभी पता नहीं चल पाया है।
गौरतलब है कि पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्से से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली के तीन सीमा बिंदुओं — सिंघू, टीकरी और गाजीपुर में करीब छह महीने से धरना दे रहे हैं। वे तीन कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी कर कहा, ‘किसान आंदोलन में 470 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है। कई आंदोलनकारियों को अपनी नौकरियां, पढ़ाई एवं दूसरे काम छोड़ने पड़े। और सरकार अपने नागरिकों, ‘अन्न दाताओं’ के प्रति ही कितना अमानवीय एवं लापरवाह रूख दिखा रही है।
सरकार अगर अपने किसानों की चिंता करती और उनका कल्याण चाहती तो उसे किसानों से वार्ता शुरू करनी चाहिए और उनकी मांगें माननी चाहिए।” इसने सरकार को चेतावनी दी कि किसानों के धैर्य की परीक्षा नहीं लें। प्रदर्शनकारी किसानों और सरकार के बीच अभी तक 11 दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन गतिरोध बना हुआ है क्योंकि दोनों पक्ष अपने रूख पर अड़े हुए हैं।