राजस्थान में किसान आंदोलन का असर अब ट्रेनों पर भी पड़ रहा है। राजस्थान से पंजाब जाने वाली 2 ट्रेनें कैंसिल की गई हैं। वहीं, एक ट्रेन का रूट बदला गया है। किसानों के दिल्ली कूच की संभावनाओं को देखते हुए आज भी पंजाब-हरियाणा बॉर्डर सील है।
विशेषकर हनुमानगढ़-श्रीगंगानगर में आंदोलन का असर अधिक दिख रहा है। दूसरी तरफ किसानों के 16 फरवरी को बुलाए गए भारत बंद को कांग्रेस ने समर्थन दिया है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस वार्ता में यह बात कही है। डोटासरा ने कहा कि अगर आंदोलन करने वाले किसान नहीं है तो केंद्र सरकार उनसे वार्ता क्यों कर रही है। यह बयान भाजपा नेताओं की घटिया सोच को दर्शाता है। अगर प्रदर्शन करने वाले असली किसान नहीं हैं तो सरकार को मुकदमा करना चाहिए। वे असली किसान नहीं हैं तो क्या सरकार आतंकवादियों से वार्ता कर रही है?
पाकिस्तान-चीन की बॉर्डर जैसे हालात
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा आज देश के हालात खराब हैं। रंघावा ने कहा कि जैसे बॉर्डर को सील किया जाता है। ठीक उसी तरह से किसान, जिन्हें अन्नदाता कहा जाता है। उनके लिए सड़कों को सील किया गया है। पाकिस्तान-चीन की बॉर्डर पर जैसा होता है। वैसे हालात है। यह केवल पंजाब के किसानों का आंदोलन नहीं है। यह पूरे हिंदुस्तान के किसानों का आंदोलन है। उनके साथ जो हो रहा है। वह ठीक नहीं है। हम भी किसान हैं और उनकी लड़ाई में किसानों के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि किसान और जवान मजबूत होगा तभी देश मजबूती से खड़ा रह सकता है।
किसानों से आतंकियों से भी बुरा सलूक-डोटासरा: प्रेस कॉन्फ्रेंस में गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि जिस तरह की बर्बरता आंदोलन कर रहे किसानों के साथ हो रही है। वैसा सलूक पाकिस्तान से आने वाले आतंकियों के साथ भी नहीं होता। किसानों की राहों में कीलें बिछाई जा रही हैं। उन पर ड्रोन से हमले किए जा रहे हैं। आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं। उन्हें पहले भी आतंकवादी कहा गया। अब भी आंदोलन कर रहे किसानों के बारे में अनर्गल बातें कहीं जा रही है। हमारी पार्टी किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है।
गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि सूर्य नमस्कार जैसे विवाद सामने लाकर मुद्दों से भटकाती है भाजपा।