हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन माह की शरद पूर्णिमा के समाप्त होने के बाद कार्तिक मास प्रारंभ होता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार यह माह 10 अक्टूबर 2022 से प्रारंभ होकर 8 नवंबर को समाप्त होगा।
इस माह कई खास तीज-त्योहार, व्रत, शुभ संयोग लेकर आ रहा है। यह हिन्दू पंचांग का आठवां मास है। इस माह की शुक्ल एकादशी से चातुर्मास का समापन हो जाता है। आओ जानते हैं कि इस माह में कौनसे प्रमुख त्योहार रहेंगे।
करवा चौथ : शरद पूर्णिमा के बाद सबसे बड़ा त्योहार करवा चौथ रहेगा जो 13 अक्टूबर 2022 गुरुवार को है। इसी दिन संकष्टी चतुर्थी का व्रत भी रहेगा।
स्कंद षष्ठी व्रत : 15 अक्टूबर को स्कंद षष्ठी व्रत रखा जाएगा।
अहोई अष्टमी व्रत : 17 अक्टूबर को अहोई अष्टमी व्रत रखा जाएगा।
तुला संक्रांति : 18 अक्टूबर को सूर्य का तुला राशि में प्रवेश होगा जिसे तुला संक्रांति कहते हैं। पुष्य नक्षत्र भी रहेगा।
रमा एकादशी : कार्तिक माह में रमा एकादशी का व्रत 21 अक्टूबर को 2022 को रखा जाएगा, जिसे रंभा एकादशी भी कहते हैं। इसी के बाद गोवत्स द्वादशी भी इसी दिन है।
धनतेरस : पांच दिनी दिवाली उत्सव की शुरुआत 22 अक्टूबर 2022 मंगलवार को धनतेरस से होगी। इसी दिन प्रदोष व्रत भी रहेगा। यम को दीपक लगाया जाएगा।
नरक चतुर्दशी : 23 अक्टूबर 2022 को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा और इसी दिन से नरक चतुर्दशी तिथि की शुरुआत होगी। इसे रूप चौदस भी कहते हैं।
दीपावली : कार्तिक माह का प्रमुख त्योहार दीवाली कार्तिक अमावस्या अर्थात 24 अक्टूबर 2022 सोमवार को है।
सूर्य ग्रहण : 25 अक्टूबर को अमावस्या के बाद शाम को 04.29 से सूर्य ग्रहण प्रारंभ होगा जो 05.42 पर समाप्त होगा।
गोवर्धन पूजा : 26 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा होगी। इसी दिन अन्नकूट महोत्सव भी है।
भाई दूज : गोवर्धन पूजा के अगले दिन भाई दूज या भैयादूज का पर्व है जो कि 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
विनायक चतुर्थी : 28 अक्टूबर को विनायक चतुर्थी के साथ ही सूर्य षष्ठी यानी छठ पूजा का पर्व भी प्रारंभ हो जाएगा।
छठ पूजा : भाई दूज के बाद उत्तर भारत का सबसे बड़ा त्योहार छठ पूजा 30 अक्टूबर 2022 रविवार को मनाया जाएगा।
सहस्त्रबाहु जयंती : 31 अक्टूबर को सहस्त्रबाहु जयंती मनाई जाएगी।
गोपा अष्टमी : 1 नवंबर 2022 मंगलवार को गोपाष्टमी के व्रत रखा जाएगा।
आंवला नवमी : 2 नंबर 2022 को कार्तिक मास शुक्ल नवमी में आंवला नवमी का व्रत रखते हैं। इसी दिन से पंचक प्रारंभ होगा।
देव उत्थान एकादशी : छठ पूजा के बाद 4 नवंबर 2022 शुक्रवार को देवउठनी एकादशी का व्रत रहेगा। इस दिन से विष्णु भगवान अपनी निद्रा से जाग जाएंगे और चातुर्मास समाप्त हो जाएंगे। इस दिन से सभी तरह के मांगलिक कार्यों का प्रारंभ हो जाएगा। इसे प्रबोधनी एकादशी भी कहते हैं। इसी दिन तुलसी विवाह भी होता है और इसी दिन से पंढरपुर की यात्रा प्रारंभ हो जाती है।
वैकुंठ चतुर्दशी : कार्तिक शुक्ल की चतुर्दशी को वैकुंठ चतुर्दशी कहते हैं। यह व्रत की पूर्णिमा भी कही गई है। 7 नवंबर 2022 सोमवार को यह व्रत रखेंगे।
कार्तिक पूर्णिमा : कार्तिक पूर्णिमा के दिन कार्तिक माह का समापन होगा। इस दिन स्नान और दान का खास महत्व रहता है। कार्तिक पूर्णिमा का व्रत 8 नवंबर 2022 मंगलवार को रखा जाएगा।