लोकसभा में शनिवार को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने भाषण में द्वापर युग से लेकर मौजूदा संविधान तक का जिक्र किया. साथ ही इस दौरान उन्होंने अडानी और यूपी की कानून व्यवस्था पर भी कई सवाल उठाए. उनके संबोधन के बाद सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली. वहीं भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने गांधी परिवार और कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि आप हम पर अंगूठा काटने का आरोप लगाते हैं लेकिन कांग्रेस ने तो सिखों का गला काटा.सके साथ ही ठाकुर ने संविधान के महत्व और कांग्रेस की भूमिका पर भी कई सवाल उठाए. भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में कहा कि विपक्ष के सांसदों को संविधान की मूल बातें भी पता नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘पिछली बार मैंने विपक्ष के सांसदों से पूछा था कि आप जो संविधान लेकर चलते हैं, उसमें कितने पन्ने हैं. कोई भी जवाब नहीं दे सका था. आज मैं वही किताब लेकर आया हूं जिसे राहुल गांधी संविधान कहते हैं. इस किताब में कांग्रेस और गांधी परिवार की सच्चाई लिखी है.’
संविधान नेहरूवादी सोच से अछूता रहा- अनुराग ठाकुर
ठाकुर ने दावा किया कि इस किताब के प्रस्तावना भाग में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील गोपाल शंकर नारायण का जिक्र है, जिन्होंने लिखा है कि संविधान बनाने में बाबासाहेब अंबेडकर और अन्य महान लोगों का योगदान रहा, लेकिन यह संविधान नेहरूवादी सोच से अछूता रहा है.ठाकुर ने आगे कहा कि अगर यह संविधान इतना मजबूत न होता, तो देश इमरजेंसी के काले अध्याय से बाहर नहीं निकल पाता. उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘इमरजेंसी के दौरान आम नागरिकों के अधिकार छीने गए और न्यायपालिका को भी धमकाया गया. यह कांग्रेस का असली चेहरा दिखाता है.’ उन्होंने जोर देकर कहा कि देश के संविधान ने ही नागरिकों को उनके अधिकार वापस दिलाए और लोकतंत्र को बचाया है.लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत एकलव्य की कहानी से की. उन्होंने कहा कि जैसे द्रोणाचार्य ने एकलव्य का अंगूठा मांगा था, उसी तरह मौजूदा सरकार युवाओं का भविष्य छीन रही है. राहुल ने पांच बड़े मुद्दों पर सरकार को घेरा. उन्होंने आरोप लगाया कि अडानी को मोनोपॉली का लाभ दिया जा रहा है, अग्निवीर योजना और लैटरल एंट्री से युवाओं के अधिकार छीने जा रहे हैं, धारावी की जमीन उद्योगपतियों को दी जा रही है और पेपर लीक जैसी घटनाएं छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रही हैं.इतना ही नहीं राहुल ने जाति जनगणना की मांग करते हुए कहा कि उनकी सरकार बनने पर 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा तोड़ी जाएगी. उन्होंने मोदी सरकार को मनुस्मृति और सावरकर के बहाने घेरा और कहा कि आरएसएस संविधान की जगह मनुस्मृति को बेहतर मानता है. राहुल ने आरोप लगाया कि सरकार संविधान की मूल भावना के विपरीत काम कर रही है.