हिंदू धर्म में वैसे तो कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते है और सभी का अपना महत्व भी होता है। लेकिन हनुमान जयंती को इन सभी में खास माना जाता हैं ये पर्व देशभर में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
जब भी प्रभु राम का नाम लिया जाता है तो हनुमान को भी याद किया जाता है। कहते है कि राम बिना हनुमान नहीं और हनुमान बिना श्रीराम नहीं।
हनुमान जी को भगवान राम का परम भक्त माना जाता है। ऐसे में रामनवमी से ठीक छह दिन बाद हनुमान जी का जन्मदिवस मनाया जाता है। पंचांग अनुसार हनुमान जयंती हर साल चैत्र मास की पूर्णिमा पर मनाया जाता है। इसी पवित्र दिन पर अंजनी पुत्र का जन्म हुआ था जिसे हनुमान जन्मोत्सव के तौर पर भी जाना जाता है। इस दिन भक्त भगवान की विधिवत पूजा करते हैं और उपवास भी रखते है हनुमान जयंती पर हनुमान मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देने को मिलती है। तो आज हम आपको हनुमान जयंती की तारीख और पूजन विधि के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते है।
हनुमान जयंती की तारीख-
धार्मिक पंचांग के अनुसार चैत्र मास की पूर्णिमा का आरंभ इस बार 5 अप्रैल को सुबह 9 बजकर 19 मिनट पर हो रहा है और इसका समापन 6 अप्रैल की सुबह 10 बजकर 4 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में हनुमान जयंती का पावन पर्व इस बार 6 अप्रैल दिन गुरुवार को धूमधाम के साथ मनाया जाएगा।
पूजन की संपूर्ण विधि-
आपको बता दें कि हनुमान जयंती के शुभ दिन पर सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर पूजन स्थल की साफ सफाई करके हनुमान प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद हनुमान जी के समक्ष देसी घी का दीपक जलाएं। अब जल छिड़कर कच्चे दूध, दही, घी अैर शहद मिलाकर हनुमान जी का अभिषेक करें। इसके बाद भगवान को लाल पीले वस्त्र अर्पित करें। कलावा, पुष्प, चढ़ाएं और धूप, दीपक जलाकर भगवान की विधिवत पूजा करें। इस दिन हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और बजरंग बाण का पाठ करें भगवान को लडडूओं का भोग लगाएं इसके बाद हनुमान जी की आरती करें और अंत में अपनी प्रार्थना प्रभु से कहकर सभी में प्रसाद का वितरण करें मान्यता है कि इस विधि से अगर पूजा की जाए तो हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होते है।