सनातन धर्म में वैसे तो कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते हैं लेकिन देवी साधना को समर्पित मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत पूजन बेहद ही खास माना जाता हैं जो कि हर माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाया जाता हैं।
इसे दुर्गाष्टमी, मासिक दुर्गाष्टमी और मास दुर्गाष्टमी के नाम से जाना जाता हैं इस दिन भक्त देवी मां दुर्गा की विधिवत पूजा करते हैं और उपवास भी रखते हैं।
अभी आषाढ़ का महीना चल रहा हैं और इस माह पड़ने वाली दुर्गाष्टमी बेहद खास हैं क्योंकि इसी दिन आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की भी अष्टमी पड़ रही हैं ऐसे में इस दिन मां जगत जननी की पूजा आराधना करने से साधक को दोगुना फल प्राप्त होगा। तो आज हम आपको अपने इस लेख दवारा मासिक दुर्गा अष्टमी की तारीख और पूजा विधि के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
मासिक दुर्गाष्टमी की तिथि-
पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह की अष्टमी तिथि 26 जून दिन सोमवार को सुबह 4 बजकर 15 मिनट से आरंभ हो रहा हैं और समापन अगले दिन यानी मंगलवार को सुबह 4 बजे हो जाएगा। वही उदया तिथि की मानें तो आषाढ़ मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत पूजन 26 जून को किया जाएगा। इस दिन देवी आराधना उत्तम फल प्रदान करती हैं।
पूजन की संपूर्ण विधि-
मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद पूजन स्थल की साफ सफाई करके गंगाजल का छिड़काव करें। अब मां दुर्गा का गंगाजल से अभिषेक करें साथ ही घर के मंदिर में एक दीपक जलाएं। माता को अक्षत, सिंदूर और लाल पुष्प अर्पित करें फिर प्रसाद फल और मिठाई का भोग चढ़ाएं। पूजन के अंत में माता की आरती करें और अपनी भूल चूक के लिए देवी मां से क्षमा मांगे और अपनी प्रार्थना कहें।