धार्मिक नजरिए से निर्जला एकादशी का बहुत महत्व होता है. भगवान विष्णु की विशेष आराधना के लिए समर्पित यह एकादशी इस वर्ष 31 मई 2023 को मनाई जाएगी. निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) भक्तों द्वारा किए जाने वाले सबसे कठोर और सख्त उपवासों में से एक माना जाता है.
पूरे दिन दिन लोग भोजन और पानी से परहेज करते हैं और अपना समय प्रार्थना, ध्यान और भक्ति गतिविधियों में बिताते हैं. इस दिन व्रत रखने के अलावा कुछ और उपाय हैं जिन्हें करने से साधक को लाभ प्राप्त होता है.
निर्जला एकादशी का व्रत इस वर्ष 31 मई 2023, दिन बुधवार को रखा जाएगा. पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि 30 मई को दोपहर 01:07 पर प्रारंभ हो जाएगा जो, अगले दिन यानी 31 मई को 01:45 मिनट पर समाप्त होगी. वहीं, व्रत पारण का समय 01 जून 2023 को सुबह 05:24 से लेकर 08:10 तक रहेगा.
धार्मिक मान्यता के अनुसार निर्जला एकादशी का दिन बहुत ही पवित्र माना जाता है. इस लिए कोशिश करें कि, श्रद्धा के रूप में निर्जला एकादशी के एक दिन पहले और उसके दिन मांसाहारी भोजन का सेवन न करें. ऐसा करना अशुभ माना जाता है.
यदि आपको कोई स्वास्थ्य संबंधी चिंता है तो निर्जला एकादशी जैसे कठोर उपवास का पालन करने से परहेज करें. स्वास्थ्य कारण अगर आप व्रत नहीं भी रख पाते हैं तो, एकादशी के दिन विधि-विधान से विष्णु पूजा करे. इससे भी साधक को शुभ फल प्राप्त होते हैं.
निर्जला एकादशी के दिन पूजा और प्रार्थना के लिए मंदिर जाएं या अपने घर में एक पवित्र स्थान बनाएं. भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करें और उनका आशीर्वाद लें. इस दिन विष्णु सहस्रनाम या भगवान विष्णु को समर्पित अन्य भक्ति भजनों का जाप करना भी शुभ माना जाता है.
एकादशी के दिन जरूरतमंदों को दान-दक्षिणा देना भी बहुत लाभकारी माना जाता है. धार्मिक नजरिए से, ऐसा करने से जातक के जीवन में सुख-समृद्धि आती है. यदि संभव हो तो इस दिन अनाज, वस्त्र या पैसे दान करें.