वैसे तो उत्तराखंड से मानसून की विदाई हो चुकी है लेकिन मौसम विभाग के मुताबिक रविवार और सोमवार को राज्य के मैदानी और पर्वतीय इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। साथ ही कई इलाकों में ओलावृष्टि की भी संभावना है। ऐसा संभावना पश्चिमी विक्षोभ के एक बार फिर सक्रिय होने के कारण व्यक्त की जा रही है। मौसम विभाग की ओर से ऑरेंज अलर्ट भी जारी कर दिया गया है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एवं वरिष्ठ मौसम विज्ञानी विक्रम सिंह के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की वजह से शनिवार को भी पहाड़ से लेकर मैदान तक तेज गर्जना के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है। दूसरी ओर जिला प्रशासन व आपदा प्रबंधन विभाग सक्रिय हो गया है।
डीएम ने दिए सभी विभागीय अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश
जिलाधिकारी डॉ आर राजेश कुमार ने आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभागीय अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। मौसम विज्ञानी वरिष्ठ मौसम विज्ञानी विक्रम सिंह के मुताबिक पहाड़ से लेकर मैदान तक भारी बारिश होने के साथ ही अचानक पारा तेजी से बढ़ेगा और ठंडक दस्तक दे देगी । हालांकि पिछले कई दिनों से रात में न्यूनतम पारा 20 डिग्री सेंटीग्रेड से कम है और बारिश से पारे में और गिरावट की संभावना है।
इस साल 13 दिन अधिक सक्रिय रहा मानसून मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक अमूमन 28 सितंबर तक उत्तर भारत के ज्यादातर राज्यों से मानसून चला जाता था, लेकिन इस बार मानसून की सक्रियता एक हफ्ते बाद तक जारी रही। इसका ही असर रहा कि चार-पांच अक्तूबर तक राज्य के कई इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश देखने को मिली।
इस बार सामान्य से दो फीसदी कम हुई बारिश
हर साल राज्य में सामान्यत: 1176.9 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस बार 1153.4 मिमी बारिश हुई। इस साल बागेश्वर में सबसे अधिक 2215.8 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य बारिश 842.7 से काफी अधिक है।
वहीं, हरिद्वार में सबसे कम 752 मिमी बारिश हुई है। जबकि सामान्यत: हरिद्वार में 971.2 मिमी बारिश होती है। जहां तक राजधानी दून का सवाल है तो देहरादून में सामान्य से 11 फीसदी कम बारिश हुई। देहरादून में इस साल महज 1362.4 फीसदी बारिश हुई। जबकि देहरादून में 1524.6 मिमी बारिश होती है।