उत्तराखंड के बाद बीजेपी शासित राजस्थान में यूसीसी बिल लाने की तैयारी हो रही है। राजस्थान के कैबिनेट मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने कहा-“हम कोशिश करते हैं कि उत्तराखंड के सीएम धामी ने जो UCC बिल लाकर शुरुआत की हम इस बिल को लाने वाले दूसरे राज्य बने और हम चाहेंगे कि मौजूदा सत्र में इस पर चर्चा हो।CM भजनलाल इसके समर्थन में हैं और उन्होंने इसके लिए निर्देश दे दिए हैं जिस पर जल्दी काम किया जाएगा”।उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने मंगलवार को बहुप्रतीक्षित समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का विधेयक पेश कर दिया। इस विधेयक में लिव इन रिलेशनशिप में रहने को लेकर कई सारे बदलाव किए गए गए हैं। लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। बगैर वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराए कपल साथ में नहीं रह पाएंगे। रजिस्ट्रेशन न कराने पर कपल को छह महीने की जेल हो सकती है। साथ ही 25 हजार का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। ऐसे जोड़े जिनकी उम्र 21 साल से कम है, वे अगर लिव इन में रहते हैं तो पहले उन्हें माता-पिता से सहमति लेनी होगी। रजिस्ट्रेशन के बाद रजिस्ट्रार भी उनके अभिभावकों को इस बारे में सूचना देंगे।लिव इन में रहने वाले युवा इस रजिस्ट्रेशन रसीद को दिखाएंगे तभी उनको किराये पर रहने के लिए घर, हॉस्टल या पीजी मिल सकेगा। यूसीसी में लिव इन रिलेशनशिप को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। इसके मुताबिक, सिर्फ एक व्यस्क पुरुष और वयस्क महिला ही लिव इन में रह सकेंगे। वे पहले से विवाहित या किसी अन्य के साथ लिव इन रिलेशनशिप में नहीं होने चाहिए। अगर युवा गलत जानकारी देते हैं तो जिले का रजिस्ट्रार उनके माता और पिता को भी समन भेजकर बुला सकते हैं।