सनातन धर्म में वैसे तो हर महीने को महत्वपूर्ण बताया गया है। लेकिन वैशाख का महीना बेहद ही खास माना जाता है। इस महीने को धार्मिक तौर पर भी विशेष बताया गया है।
अभी चैत्र का महीना चल रहा है इस महीने के समापन यानी चैत्र पूर्णिमा के अगले दिन से ही वैशाख मास का आरंभ हो जाता है। इस बार वैशाख की शुरुआत 7 अप्रैल से हो रही है।
इस पूरे महीने में गंगा की उपासना को उत्तम मानी जाती है। वैशाख मास में भगवान विष्णु की पूजा करने से भी साधक को लाभ मिलता है। वैशाख मास में पूजा पाठ और व्रत के अलावा कुछ नियमों का भी पालन करना ईश्वर कृपा दिलाता है तो आज हम आपको बता रहे है कि वैशाख के महीने में क्या करें और क्या नहीं, तो आइए जानते है।
वैशाख मास में क्या करें और क्या नहीं-
धार्मिक और ज्योतिष अनुसार वैशाख के पावन महीने में दान करना उत्तम माना जाता है। इस महीने दान करने से इसका फल कई गुना अधिक बढ़ जाता है। मान्यता है कि अगर आप ने पूरे साल किसी को कोई दान नहीं दिया है तो इस महीने में दान करके आप पूरे वर्ष का फल प्राप्त कर सकते है। इसके अलावा इस महीने में स्नान को भी खास बताया गया है। इस महीने पवित्र नदियों में स्नान करने और सूर्यदेव को जल अर्पित कर बहते हुए पानी में तिल को प्रवाहित करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से सफलता और सेहत का आशीर्वाद मिलता है। वैशाख मास में विष्णु पूजा को श्रेष्ठ बताया गया है।
मान्यता है कि पूरे वैशाख में अगर श्री हरि की पूजा आराधना की जाए तो जीवन के कष्टों का समापन हो जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस पूरे महीने में भूमि पर ही शयन करना चाहिए और एक समय ही भोजन करें। इससे सभी प्रकार के रोग, शोक दूर हो जाते है। इसके अलावा इस महीने तेल को शरीर पर नहीं लगाना चाहिए। वही वैशाख मास में अधिक तली भुनी चीजों का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। इस पूरे महीने में तेल लगाना, दिन में सोना, कांस्य के पात्र में भोजन करना, खाट पर सोना, घर में नहाना और रात्रि स्नान करना मना होता है। ऐसा करने से सेहत संबंधी समस्याएं बढ़ सकती है।