संजीव कुमार शुक्ला
लखनऊ : श्री श्री राधा रमण बिहारी मंदिर (इस्कॉन) सुशांत गोल्फ सिटी, लखनऊ द्वारा दो दिवसीय “श्रीमद भगवत गीता सेमिनार” आयोजित किया जा रहा है, जिसमें प्रथम दिवस 14.04.2023 को मंदिर अध्यक्ष एवं वक्ता श्रीमान अपरिमेय श्यामदास प्रभु जी ने बताया कि अधिकतर संसार मे हम अपनी पहचान अपने नाम, ख्याति एवं अपने शरीर से करते हैं, लेकिन वास्तव में हम भगवान के अंश हैं। हम जीवात्मा हैं और हम जितना सुख लेना चाह रहे हैं, वह शरीर के स्तर पर पा लेना चाह रहे हैं। शरीर से मिलने वाला सुख क्षणिक है स्थाई सुख नही है। स्थायी सुख ऐसा सुख है, जो निरन्तर बढ़ता जाए उसे आनंद बोलते हैं। आनंद को प्राप्त करने के लिये हमे आध्यात्मिक जीवन को गंभीरता से लेना पड़ेगा फिर निश्चित रूप से हम आनंद को प्राप्त कर सकते हैं और आध्यात्मिक आनंद की प्राप्ति के लिये अध्यात्मिक ज्ञान का होना अति आवश्यक है। बिना आध्यात्मिक ज्ञान के कोई भी व्यक्ति आध्यात्मिक जीवन को सही तरीके से नही अपना सकता।
सामान्य तौर पर देखा जाता है कि संसार मे बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो आध्यात्मिक जीवन को अपनाने में वास्तव में आध्यात्मिक ज्ञान को गंभीरता से नहीं लेते और कोई भी ज्ञान तब एक फलीभूत नहीं होता जब तक क्रमबद्ध तरीके से न लिया जाए तो वह ज्ञान हमारे जीवन पर प्रभाव नहीं डालता। अतः वह ज्ञान हमारे हृदय में उतर नहीं पाता। इसी प्रकार से आध्यात्मिक जीवन को क्रमबद्ध तरीके से लेना चाहिए और इसी परम्परा में दो दिवसीय सेमिनार रखा गया। इसके बाद 64 दिनों की भक्ति वृक्ष कक्षाओं का आयोजन होगा, जिसके अंतर्गत भक्तों को उचित तरीके से आध्यात्मिक शिक्षा दी जाएगी। सेमिनार में लखनऊ एवं आस-पास के तमाम गणमान्य भक्त उपस्थित रहे, सभी भक्तों ने श्रीकृष्ण भगवान के भजन, कीर्तन, नृत्य तथा विशेष भोजन प्रसाद एवं मोहनभोग खीर का आनंद उठाया।अंत में मंदिर अध्यक्ष श्रीमान अपरिमेय श्यामदास प्रभु जी ने उपस्थित पत्रकारों (प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया) को उनके सतत सहयोग के लिए धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया |