इसराइल और फलस्तीन के बीच गज़ा पट्टी में हो रही गोलाबारी की वजह से कई अंतरराष्ट्रीय विमान कंपनियों ने तेल अवीव में मौजूद इसराइल के मुख्य हवाई अड्डे के लिए अपनी उड़ानों को रोक दिया है.
सुरक्षा कारणों के मद्देनज़र अमेरिका की तीन कंपनियों यूनाइटेड, डेल्टा और अमेरिकन एयरलाइंस और जर्मनी की लुफ्ताहांसा और ब्रिटिश एयरवेज़ ने इसराइल के बेन गुरियोन हवाई अड्डे के लिए अपनी उड़ानों को रोक दिया है.
वहीं, गज़ा से हो रहे रॉकेट हमलों को देखते हुए बेन गुरियोन हवाई अड्डे के अधिकारियों ने यहां आने वाली उड़ानों को देश के दक्षिण की तरफ रमोन हवाई अड्डे पर उतरने का निर्देश दिया है.
उधर, इसराइली सेना ने कहा है कि उसने अपनी सेना के रिज़र्व फौज के 7000 सैनिकों (रिज़र्विस्ट) को ड्यूटी पर बुलाया है और सभी लड़ाकू युनिट्स के सैनिकों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं.
टाइम्स ऑफ़ इसराइल ने सेना के प्रवक्ता हिदाई ज़िल्बरमैन के हवाले से कहा है कि इनमें से आधे रिज़र्विस्ट्स (आरक्षित सैनिक) को एयर डिफेन्स के काम में लगाया जाएगा जबकि बाक़ी को असलहों के रखरखाव और मेडिकल यूनिट के साथ तैनात किया जाएगा.
इससे पहले इसराइल ने अपने टैंक और बड़ी संख्या में अपने सैनिकों को गज़ा पट्टी की तरफ जाने का आदेश दिया है.गज़ा में इसराइली हवाई हमले में ध्वस्त एक बहुमंज़िला इमारत जिसमें हमास के टीवी चैनल का दफ़्तर था
इसराइल पर दर्जनों रॉकेट हमले
फ़लस्तीनी चरमपंथी संगठन हमास ने गज़ा में इसराइली हवाई हमले में अपने सीनियर कमांडरों की मौत और एक बहुमंज़िला इमारत के गिरने के बाद इसराइल पर दर्जनों रॉकेट हमले किए हैं.
ऐसी ख़बरें हैं कि दक्षिणी इसराइल में कई जगहों पर हमले हुए हैं और स्डेरोट शहर में एक बच्चे की मौत हो गई है.
इसराइल और फ़लस्तीनी चरमपंथियों के बीच सोमवार से अचानक हिंसा भड़क उठी है जो थमने का नाम नहीं ले रही. फ़लस्तीनी चरमपंथी इसराइल में रॉकेट हमले कर रहे हैं और इसराइल गज़ा में चरमपंथियों के ठिकानों को निशाना बना रहा है.
अब तक गज़ा में 65 लोग मारे गए हैं जिनमें 14 बच्चे हैं. वहीं इसराइल में सात लोगों की मौत हुई है. संयुक्त राष्ट्र ने स्थिति पर गहरी चिंता जताते हुए चेतावनी दी है कि ये संघर्ष एक युद्ध में तब्दील हो सकता है.
इसराइल के भीतर भी ऐसे इलाक़ों में हिंसा हो रही है जहाँ यहूदी और अरब लोग रहते हैं. इसराइली मीडिया में बताया जा रहा है कि इसराइल के कई शहरों और क़स्बों में उपद्रवी कहीं अरब लोगों को निशाना बना रही है तो कहीं यहूदियों को.
इसराइली पुलिस का कहना है कि बुधवार को हिंसा के बाद 374 लोगों को गिरफ़्तार किया गया. 36 पुलिसकर्मियों को भी चोट आई है.इसराइल के लोड शहर में उपद्रवियों ने इसराइली पुलिस के साथ संघर्ष में अरब उपद्रवियों ने एक पुलिस कार में आग लगा दी
हिंसा प्रभावित शहर
इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा है कि हिंसा प्रभावित शहरों में पुलिस की मदद के लिए सेना भेजने पर विचार कर रहे हैं.
बुधवार रात को एक वीडियो संदेश में उन्होंने इन हमलों को “अराजकता” बताते हुए कहा, “अरब उपद्रवियों के यहूदियों पर हमले करने, और यहूदी उपद्रवियों के अरबों को मारने को कोई भी जायज़ नहीं ठहरा सकता.”
नेतन्याहू ने कहा कि उनकी सरकार इसराइल को बाहर के दुश्मनों और देश के भीतर के दंगाइओं से बचाने के लिए पूरी ताक़त का इस्तेमाल करेगी.
नेतन्याहू ने इससे पहले तेल अवीव के पास स्थित शहर लॉड में इमरजेंसी की घोषणा की. टाइम्स ऑफ़ इसराइल के मुताबिक़ 1966 के बाद ये पहली बार हुआ है कि सरकार ने अरब समुदाय के ख़िलाफ़ आपातकालीन अधिकारियों का इस्तेमाल किया है.
उधर गज़ा पट्टी और वेस्ट बैंक में आंशिक तौर पर शासन संभालने वाले फ़लस्तीनी प्राधिकरण ने इसराइल के सैन्य आक्रमण की निंदा की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि उनकी हरकत से “पहले से ही बदहाल 20 लाख लोगों की आबादी और ज़्यादा परेशान हो रही है”.12 मई को इसराइल के एक शहर के ऊपर रॉकेटों को बीच में ही नष्ट करने की कोशिश करते इसराइली मिसाइल-रोधी इंटरसेप्टर