पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर और बसपा के सांसद दानिश अली फिलिस्तीन के दूतावास पहुंचे हैं। गाजा में हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध के दौरान दोनों नेता फिलिस्तीन के दूतावास पहुंचे हैं।
मणिशंकर अय्यर कांग्रेस के उन नेताओं में से एक रहे हैं, जो लेफ्ट की विचारधारा को मानते हैं। इन दोनों के अलावा लेफ्ट के भी कुछ नेता वहां पहुंचे हैं। वामपंथी दल सीपीआई के जनरल सेक्रेटरी दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा, ‘गाजा में युद्ध चल रहा है। वहां मानवीय संकट खड़ा हो गया है और फिलिस्तीन के लोग पीड़ित हैं। हम भारत समेत सभी देशों में यह सवाल उठा रहे हैं। गाजा में एक संकट खड़ा हो गया है और जो हालात हैं, उसमें ऐसा लगता है कि दुनिया तीसरे विश्व के मुहाने पर आकर खड़ी हो गई है।’
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि गाजा में बेगुनाह लोगों को मारा जा रहा है। इस युद्ध का शिकार कोई और नहीं बल्कि मासूम फिलिस्तीनी बन रहे हैं। हम चाहते हैं कि शांति कायम रहे। हम यहां फिलिस्तीन के प्रति अपनी एकजुटता दिखाने के लिए आए हैं। फिलिस्तीन के दूतावास पहुंचने वाले नेताओं में समाजवादी पार्टी के जावेद अली खान, जेडीयू के नेता केसी त्यागी भी शामिल थे। इन सभी नेताओं ने कहा कि हम फिलिस्तीन के लोगों के साथ हैं और उनके लिए अपना समर्थन जाहिर करने को ही यहां आए हैं।
फिलिस्तीन दूतावास जाने के बाद इन नेताओं की ओर से एक साझा बयान भी जारी किया गया। नेताओं ने कहा, ‘हिंसा किसी भी मसले का हल नहीं हो सकती। इसकी वजह से बर्बादी और परेशानी का एक चक्र ही चलता है। इसलिए हम अपील करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इजरायल और हमास में चल रही हिंसा को खत्म कराने का प्रयास करे। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इजरायल पर गबाव डालना चाहिए कि वह नियमों का पालन करे। फिलिस्तीनी लोगों के मानवाधिकार का सम्मान होना चाहिए। हम चाहते हैं कि शांति स्थापना ते लिए प्रयास हों और कूटनीतिक स्तर पर दबाव बनाया जाए।’
सांसदों समेत कुल 15 नेता फिलिस्तीन दूतावास पहुंचे
फिलिस्तीन के दूतावास जाने वाले नेताओं में शाहिद सिद्दीकी, मोहम्मद अदीब, संतोष भारतीय, डी राजा, मोहम्मद अफजल जैसे पूर्व सांसद भी शामिल हैं। इसके अलावा आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा और पूर्व मंत्री जेना श्रीकांत भी गए थे।