वर्ल्ड कप 2023 अभी अपने आधे सफर तक ही पहुंचा है कि पिछली बार की चैंपियन टीम टूर्नामेंट से तकरीबन बाहर हो गई है. जी हां, इंग्लैंड का वर्ल्ड कप 2023 का सफर खत्म ही समझिए, जिसे गुरुवार को श्रीलंका ने आसानी से हरा दिया.
यह इंग्लैंड की इस टूर्नामेंट में चौथी हार है. वह अपने 5 में से 4 मैच हार चुका है. वह अब लाख कोशिश करके भी 10 अंक से ज्यादा हासिल नहीं कर सकता. और मौजूदा टूर्नामेंट का फॉर्मेट और टीमों का प्रदर्शन देखकर यही लगता है कि 10 अंक सेमीफाइनल खेलने के लिए काफी नहीं होंगे.
अगर पॉइंट टेबल की बात करें तो भारत ने तो अपने 5 मैच में ही 10 अंक हासिल कर लिए हैं. अगर टीम इंडिया ने सारे मैच जीते तो वह 18 अंक तक पहुंच सकती है. दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड 16 अंक तक हासिल कर सकते हैं. जबकि ऑस्ट्रेलिया ने जिस अंदाज में वापसी की है, अगर वह 14 अंक तक पहुंच जाए तो हैरानी नहीं होनी चाहिए. पाकिस्तान, श्रीलंका और अफगानिस्तान भी 12 अंक तक की रेस में हैं.
इंग्लैंड की बात करें तो वह वर्ल्ड कप 2023 में 4 मैच हारने वाला तीसरा देश बन गया है. उससे पहले बांग्लादेश और नीदरलैंड्स की टीमें भी 4-4 मैच हार चुकी हैं. चार मैच हारने का मतलब यह है कि अगर ऐसी टीम अपने बाकी सारे मैच भी जीत ले तो वह 10 अंक से आगे नहीं बढ़ पाएगी. कह सकते हैं कि इंग्लैंड का हाल बांग्लादेश और नीदरलैंड्स वाला हो गया है.
वैसे तो हार के हजार बहाने होते हैं. लेकिन अगर हम इंग्लैंड की हार को उसके पूर्व क्रिकेटर मोंटी पनेसर के शब्दों में समझें तो साफ है कि 2019 में विश्व चैंपियन बनने वाले अंग्रेज आए तो बुलंद हौसलों के साथ थे, लेकिन यह भूल गए कि हर टूर्नामेंट नया होता है और उसकी शुरुआत जीरो से करनी होती है. मोंटी पनेसर कहते हैं कि न्यूजीलैंड से वर्ल्ड कप का पहला मैच हारते ही इंग्लैंड हौसला भी हार गया. कप्तान जॉस बटलर डिफेंसिव हो गए, जिसका असर प्लेइंग इलेवन तक में दिखा. टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करना भी ऐसा फैसला था, जिसने इंग्लैंड को नुकसान पहुंचाया.
बहरहाल, इंग्लैंड ने कहां गलती की और वह इन गलतियों से कैसे उबरेगा, यह रिव्यू तो इंग्लैंड के टीम मैनेजमेंट और क्रिकेट बोर्ड को करना है. अभी की हकीकत यह है कि इंग्लैंड का सेमीफाइनल का सपना अब पूरा नहीं होने वाला है.