बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस और तीन वामपंथी दल सीपीआई-माले, सीपीआई और सीपीएम के महागठबंधन में पहले चरण का नामांकन खत्म होने के बाद लोकसभा सीटों का बंटवारा तय होता दिख रहा है।महागठबंधन ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है जिसमें घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग का ऐलान होगा। सूत्रों के मुताबिक इस संवाददाता सम्मेलन में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव भी शामिल होंगे। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस को 8-9 सीट और लेफ्ट को 2-3 सीट देकर लालू प्रसाद यादव की आरजेडी बाकी सीटों पर अपने कैंडिडेट खड़ा करेगी। पूर्णिया, कटिहार जैसी सीटों पर अंतिम फैसला क्या हुआ, ये कल ही साफ हो सकेगा जहां आरजेडी और कांग्रेस की बराबर दावेदारी बनी हुई है।
दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी, जनता दल यूनाइटेड, लोक जनशक्ति पार्टी- रामविलास, हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के एनडीए गठबंधन में लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारा पहले हो चुका है। चिराग पासवान की लोजपा-आर की तीन सीटों वैशाली, खगड़िया और समस्तीपुर को छोड़ बाकी के कैंडिडेट भी घोषित हो चुके हैं। हालांकि लालू यादव ने पहले चरण की चार सीटों गया, औरंगाबाद, नवादा और जमुई पर आरजेडी कैंडिडेट को बगैर सीट बंटवारा के सिंबल दे दिया था। इन सीटों पर आज नामांकन का आखिरी दिन है। इन चार में बस औरंगाबाद पर कांग्रेस और आरजेडी के बच विवाद था जहां से निखिल कुमार कांग्रेस से लड़ना चाहते थे।
आरजेडी अब तक एक दर्जन से ज्यादा कैंडिडेट को सिंबल दे चुकी है जिनमें कई की लालू यादव के हाथों सिंबल लेने की फोटो भी सामने आई है। इसमें पूर्णिया सीट से बीमा भारती भी शामिल हैं जो जेडीयू को छोड़ कर 14 साल आरजेडी में लौटी हैं। पांच बार विधायक रह चुकी बीमा भारती को लालू यादव ने पप्पू यादव की काट में टिकट दिया है जो पांच बार के सांसद हैं और इस बार फिर से पूर्णिया लड़ना चाहते हैं। पप्पू को लालू यादव मधेपुरा से लड़ने कह रहे थे जिसे पप्पू ने ठुकरा दिया है। पप्पू यादव पूर्णिया से लड़ने के लिए ही कांग्रेस में अपनी पार्टी जाप का विलय कर चुके हैं। 2019 में पूर्णिया सीट कांग्रेस से उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह ने लड़ी थी जो वहां से दो बार बीजेपी के टिकट पर सांसद रहे हैं। पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन कांग्रेस की बड़ी नेता हैं और पड़ोस की सुपौल सीट से लोकसभा जीती हैं। इस समय रंजीता राज्यसभा सांसद हैं।कटिहार सीट से कांग्रेस तारिक अनवर को लड़ाना चाहती है लेकिन आरजेडी सीट छोड़ने को तैयार नहीं है। इसी तरह की हालत चंपारण और भागलपुर में भी है जहां आरजेडी और कांग्रेस में बात उलझी हुई है। कल जब तेजस्वी यादव सीट बंटवारे की घोषणा करेंगे तो साफ होगा कि कांग्रेस की कितनी बात लालू ने सुनी।