हिजाब पर बैन को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के जजों की राय बंटी हुई थी और अब इस मामले को बड़ी बेंच के समक्ष भेजा जाएगा। इस बीच हिजाब का मसला एक बार फिर से सियासी रंग ले चुका है। सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का जिक्र करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम तो उम्मीद कर रहे थे कि सुप्रीम कोर्ट से एकमत से हिजाब के पक्ष में फैसला आएगा। लेकिन जजों की राय अलग रही, हम इसका सम्मान करते हैं। जस्टिस धूलिया ने कहा कि चॉइस बहुत बड़ी चीज होती है और इसका सम्मान होना चाहिए। उन्होंने आर्टिकल 14 और 19 का जिक्र करते हुए उन्होंने अपना फैसला लिखा है।
हिजाब की मंगलसूत्र, सिंदूर और पगड़ी से की तुलना
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इसे भाजपा ने बेवजह मुद्दा बना दिया है। यह तो लड़कियों की पसंद का मामला है। ओवैसी ने एक टीवी चैनल से बातचीत में हिजाब की तुलना पगड़ी, सिंदूर और मंगलसूत्र से भी की। उन्होंने कहा, ‘यदि आप यूनिफॉर्म में एक सिख लड़के को पगड़ी की इजाजत देते हैं और हिंदू लड़की को सिंदूर लगाने और मंगलसूत्र की छूट देते हैं, लेकिन मुस्लिम लड़कियों को हिजाब की परमिशन नहीं मिलती है तो यह भेदभाव है।’ ओवैसी ने कहा कि यदि बच्चे एक-दूसरे की धार्मिक परंपराओं को नहीं देखेंगे तो वह कैसे विविधता को समझेंगे। यह जरूरी है कि बच्चे स्कूल में ही सभी परंपराओं को समझें।