लखनऊ, 21 अगस्त। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, अलीगंज (प्रथम कैम्पस) की प्रतिभाशाली छात्रा अनुष्का गुप्ता को उच्चशिक्षा हेतु अमेरिका की प्रतिष्ठित सीमन्स यूनिवर्सिटी द्वारा 81,700 अमेरिकी डालर की स्कॉलरशिप से नवाजा गया है। अनुष्का को यह स्कॉलरशिप चार वर्षीय उच्चशिक्षा अवधि के दौरान प्रदान की जायेगी। उक्त जानकारी सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने दी है। श्री शर्मा ने बताया कि इस मेधावी छात्रा ने अमेरिका, कैनडा एवं आस्ट्रेलिया के 5 अन्य विश्वविद्यालयों में भी स्कॉलरशिप के साथ चयनित होकर लखनऊ का गौरव बढ़ाया है, जिसमें अमेरिका की एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी व यूनिवर्सिटी ऑफ नेब्रास्का, कैनडा की किंग्स यूनिवर्सिटी कालेज व यूनिवर्सिटी ऑफ लेथब्रिज एवं आस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी शामिल हेैं। इस प्रकार, सी.एम.एस. की एक और प्रतिभाशाली छात्रा ने अपनी लगन, प्रतिभा व शैक्षणिक उत्कृष्टता के दम पर विदेश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में स्कॉलरशिप के साथ चयनित होकर लखनऊ का गौरव बढ़ाया है। सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने सी.एम.एस. की इस प्रतिभाशाली छात्रा की अभूतपूर्व सफलता पर हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
श्री शर्मा ने बताया कि प्रतिवर्ष सी.एम.एस. के 100 से अधिक मेधावी छात्र विश्व के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में उच्चशिक्षा हेतु चयनित होते हैं। इस वर्ष अभी तक सी.एम.एस. के 80 से अधिक छात्र अमेरिका, इंग्लैण्ड, कैनडा, आस्ट्रेलिया, जापान, सिंगापुर, जर्मनी आदि विभिन्न देशों के ख्यातिप्राप्त विश्वविद्यालयों में चयनित हो चुके है, जिनमें से अधिकतर को स्कॉलरशिप प्राप्त हुई है। श्री शर्मा ने आगे कहा कि सी.एम.एस. छात्रों के दृष्टिकोण व्यापक बनाने व उनकी प्रतिभा को प्रोत्साहित करने हेतु सदैव प्रयासरत है और इसी कड़ी में छात्रों को भारत में एवं विदेशों में उच्चशिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान कर रहा है। सी.एम.एस. प्रदेश में एकमात्र एस.ए.टी. (सैट) एवं एडवान्स प्लेसमेन्ट (ए.पी.) टेस्ट सेन्टर है जो उत्तर प्रदेश एवं आसपास के अन्य राज्यों के छात्रों को विश्व के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में स्कॉलरशिप के साथ उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद कर रहा है। इससे पहले, विदेश में उच्चशिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक प्रदेश के छात्रों को सैट परीक्षा के लिए दिल्ली जाना पड़ता था।