नई दिल्ली. कोरोना (Coronavirus) की दूसरी लहर ने लोगों को बेसहारा कर दिया है. स्वास्थ्य व्यवस्था (Health System) पर जबरदस्त दबाव है. केंद्र और राज्य सरकारों के हाथ पांव फूले हुए हैं. ऐसे में भारत की मदद के लिए विदेशों से राहत साम्रगी की खेप स्वदेश पहुंचने लगी है. अमेरिका, रूस और फ्रांस जैसे 40 देशों ने अगले कुछ हफ्तों में भारत की मदद करने के लिए हाथ बढ़ाया है. कुछ देशों से ऑक्सीजन, मेडिकल सप्लाई, वैक्सीन और दवाओं की खेप नई दिल्ली पहुंची है.
ब्रिटेन ने जहां भारत को वेंटिलेटर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स भेजे हैं, वही अमेरिका ने वैक्सीन के लिए कच्चे माल की आपूर्ति पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है. प्रतिबंध के हट जाने के बाद भारत में कोविशील्ड का उत्पादन तेजी से हो सकेगा. बता दें कि पिछले 24 घंटों में देश में 4 लाख से ज्यादा कोरोना के नए केस सामने आए हैं. देश भर के अस्पतालों में बेड की कमी है, तो लोग जीवनदायिनी दवाओं के लिए दर-दर भटक रहे हैं. कोरोना महामारी से लड़ाई में देश अब दुनिया के अन्य देशों से मदद की आस लगाए है.
अमेरिका
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइ़डेन ने कोरोना से लड़ाई में भारत को 100 मिलियन डॉलर की मदद का वादा दिया है. शनिवार को अमेरिका से राहत सामग्री की तीसरी खेप नई दिल्ली के लिए रवाना की गई. अगले कुछ हफ्तों में कई और खेप आने की उम्मीद है. शुक्रवार को अमेरिका से मेडिकल सप्लाई की पहली खेप भारत पहुंची थी. इसमें 400 ऑक्सीजन सिलिंडर, 9,60,000 रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट किट, 1 लाख एन95 मास्क और अन्य महत्वपूर्ण मेडिकल उपकरण शामिल थे.रूस
हिंदुस्तान के सबसे भरोसेमंद दोस्तों में से एक रूस ने इस सप्ताह की शुरुआत में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स, वेंटिलेटर्स, मेडिसिन और अन्य जरूरी मेडिकल उपकरण भारत भेजे हैं. शनिवार को रूस की बनाई स्पुतनिक-वी वैक्सीन की पहली खेप भी हैदराबाद पहुंची.
ब्रिटेन
बोरिस जॉनसन प्रशासन ने अभी तक 400 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की तीन खेप भारत को भेजी हैं. ध्यान रहे कि देश में ऑक्सीजन की कमी से बहुत सारे लोगों की जान जा रही है.
संयुक्त अरब अमीरात
अरब देशों में संयुक्त अरब अमीरात ने 30 अप्रैल को 157 वेटिंलेटर्स, 480 बाईपैप्स और अन्य मेडिकल सप्लाई भारत भेजी. दुबई से 6 क्रायोजेनिक ऑक्सीजन कंटेनर्स लेकर भारतीय वायुसेना का सी-17 विमान पश्चिम बंगाल के पानागढ़ एयरबेस पर उतरा.
सिंगापुर
इस हफ्ते की शुरुआत में सिंगापुर ने भारत को 256 ऑक्सीजन सिलिंडर भेजे थे, जिन्हें भारतीय वायुसेना के दो सी-130 विमान से पश्चिम बंगाल के पानागढ़ एयरबेस लाया गया था.
थाईलैंड
थाईलैंड की एक स्पेशल फ्लाइट मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर लेकर 1 मई को भारत पहुंची. इनमें 15 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स भी शामिल थे. पिछले एक हफ्ते में थाईलैंड से आने वाली ये तीसरी मदद थी. थाईलैंड की सरकार ने भारत को 100 ऑक्सीजन सिलिंडर देने का भी वादा किया है.
बहरीन
आईएनएस तलवार 1 मई को बहरीन से 40 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन लेकर स्वदेश के लिए रवाना हो चुका है.
रोमानिया
यूरोपीय संघ के देशों में रोमानिया पहला देश था, जिसने भारत की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया. 30 अप्रैल को रोमानिया ने 80 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और 75 ऑक्सीजन सिलिंडर्स की खेप भारत को भेजी है.
आयरलैंड
30 अप्रैल को आयरलैंड से 700 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और 365 वेंटिलेटर्स की खेप भारत पहुंची.
अगले कुछ दिनों में दुनिया के अन्य देशों से भी कोविड रिलीफ मैटेरियल दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है.