काबुल पर तालिबान के कब्जे के करीब ढाई महीने बाद अफगानिस्तान में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के इरादे के साथ हिन्दुस्तान अफगानिस्तान पर दिल्ली क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता का आयोजन कर रहा है। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल 10 नवंबर को एनएसए की इस महत्वपूर्ण बैठक की मेजबानी करेंगे। जिसमें अफगानिस्तान के भविष्य पर चर्चा होगी। इसके साथ ही वहां के सत्ता परिवर्तन के बाद पैदा हुए माहौल और सुरक्षा के खतरों से निपटने पर भी मंथन होगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सात देशों के एनएसए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे।भारत के एक बुलावे पर यहां आकर तमाम मुल्क क्षेत्रीय सुनिश्चित करने की दिशा में बात करने वाले हैं। दिल्ली डॉलाग नाम की रिजनल कॉनफ्रेंस ये दिखाती है कि हिन्दुस्तान का इन तमाम मुल्कों के एनएसए को बुलाना और उनका यहां आना ये भारत की पूरे इलाके में शांति की पहल की दिशा में महत्ता को दर्शाता है। भारत की तरफ से ये एक अच्छी पहल मानी जा रही है। विश्व समुदाय के लिए एक ऐसा सिग्नल है कि भारत के दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं। चाहे वो डिप्लोमेटिक चैनल हो या मिलिट्री या अपेक्स लेवल की वार्ता हो। भारत चाहता है कि अफगानिस्तान में शांति हो। वहां का जो आवाम है वो एक अच्छी जिंदगी वहां पर बिताए। उसने हर चीज को दरकिनार रखते हुए पाकिस्तान, चीन, रूस, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान जैसे सभी देशों को न्योता दिया है कि एक सुलझे हुए तरीके से कैसे बातचीत की जाए और सेंट्रल एशिया में शांति बहाली की जा सके।