अफगानिस्तान के करीब 65 प्रतिशत से ज्यादा हिस्से पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है. तालिबान के आतंकी काबुल से सिर्फ 90 किलोमीटर दूर हैं. तालिबान ने शुक्रवार को अफगानिस्तान के दूसरे सबसे बड़े शहर कंधार पर कब्जा कर लिया, जिससे काबुल में सरकार को करारा झटका लगा है इसे आतंकवादियों के लिए बड़ी जीत माना जा रहा है. यह शहर कभी तालिबान का गढ़ हुआ करता था एक प्रमुख व्यापार केंद्र के रूप में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है. कंधार गुरुवार को हेरात गजनी के बाद अफगान सरकार से दूर जाने वाली नवीनतम प्रांतीय राजधानी है. अफगान के उपराष्ट्रपति के देश छोड़कर ताजिस्तान भागने की खबर सामने आ रही है.
सात दिन के अंदर तालिबान ने अफगानिस्तान के दूसरे सबसे बड़े शहर कंधार समेत अब तक 13 प्रांतों पर कब्जा कर लिया है. अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ लड़ने वाले लोग सरेंडर करने लगे हैं. इस समय अफगान के हेरात प्रांत के गर्वनर रहे इस्माइल खान भी तालिबान के कब्जे में हैं. इस्माइल खान तालिबान के विरोधी समूह के नेता थे. उन्होंने खुद को तालिबान के सामने सरेंडर कर दिया है. तालिबान ने दक्षिण हेलमंड प्रांत की राजधानी लश्करगाह पुल-ए-आलम पर भी कब्जा जमा लिया है. पुल-ए-आलम अफगान राष्ट्रपति का गृह स्थान है.
आपको बता दें कि अफगानिस्तान के वर्दक में पुलिस ने तालिबान को प्रमुख प्रांत सौंपने के आरोप में गजनी के गवर्नर दाउद लघमनी को गिरफ्तार किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने कहा कि गवर्नर को उनके डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ के साथ वर्दक प्रांत में गिरफ्तार कर लिया है. मंत्रालय के प्रवक्ता मीरवाइस स्टानिकजई ने कहा कि गजनी के कुछ हिस्से तालिबान के कब्जे में आ गए हैं, जबकि अफगान सेना अभी भी प्रांतीय राजधानी के अन्य हिस्सों में सक्रिय है लड़ाकों के खिलाफ अभियान शुरू करेगी.