तृ दोष एक ऎसी चीज है जो जीवन को बहुत ज्यादा कष्टमय बना देती है. यदि किसी व्यक्ति पर पितृ दोष है तो उसे जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. यह स्थिति व्यक्ति को हर तरह से तंग करने वाली होती है.
जीवन में संघर्ष इतना अधिक होता है लेकिन सफलता के अवसर बेहद कम. ऐसे में पितृ दोष को दूर करना जरूरी हो जाता है.
वैसे तो अमावस्या के दिन पितृ संबंधित कार्य किए ही जाते हैं लेकिन साथ ही पितृ पक्ष में भी इन कार्यों को किया जाता है. 15 दिनों तक चलने वाले पितृ पक्ष में पितरों के लिए पिंडदान कर्म, तर्पण और दान किया जाता है. मान्यता है कि पितृपक्ष में श्राद्ध करने से पूर्वज प्रसन्न रहते हैं. शास्त्रों के अनुसार मनुष्य के जीवन में तीन प्रमुख कर्तव्य हैं. ये हैं देव ऋण, ऋषि ऋण और पितृ ऋण. इन कर्जों को चुकाना जरूरी है.
पितृ दोष का जीवन पर असर
ऐसा माना जाता है कि यदि पितृ दोष हो तो इसके कारण कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं. संतान न होने का दुख झेलना पड़ सकता है. वंश वृद्धि रुक जाती है. धन हानि होने लगती है. जीवन में धन की कमी सदैव बनी रह सकती है. परिश्रम के बावजूद सफलता नहीं मिल पाती है. गृह क्लेश पितृ दोष के कारण सदैव जीवन पर अपना असर डालता है. व्यक्ति अपने जीवन में परिवार का सुख उठा नहीं पाता है. किसी न किसी कारण से लोगों के साथ मतभेद अधिक बने रहते हैं. कर्ज की स्थिति प्रभाव डालती रहती है. व्यर्थ की मुक़दमेबाजी भी जीवन को कष्टमय बना देती है.
पितृ दोष बचाव के उपाय
यदि किसी व्यक्ति पर पितृ दोष है तो उसे जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे में पितृ दोष को दूर करना जरूरी हो जाता है.
श्राद्ध पक्ष के दिनों में तर्पण आदि करना चाहिए.
पितरों के प्रति श्रद्धा रखनी चाहिए.
अमावस्या के दिन गरीबों को वस्त्र और भोजन का दान करना चाहिए.
गाय की सेवा करना भी पितृदोष से मुक्ति का एक उपाय है
जब भी घर से बाहर जाएं तो पितरों का आशीर्वाद लेकर निकलना चाहिए. यह सभी कार्य पितृदोष से मुक्ति का उपाय बनते हैं